● लकडी जब्त कर प्रबंधन और राजस्व जुटा संयुक्त कार्यवाही मे
उमरिया (संवाद)। ” एक ओर सरकार यह कहती है कि पेड़ लगाओ पर्यावरण को बचाओ, लेकिन यहां पेड़ लगाना तो दूर बल्कि हरे-भरे पेड़ों का कत्लेआम जरूर किया जा रहा है।”
गौरतलब है कि जहां परिंदा भी पर नही मार सकता वहां विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ नेशनल पार्क के कोर और बफर जोन से लगे जंगल में लकड़ी माफियाओं के द्वारा साल के पेड़ो की कटाई कर दी गई है।
मामला बांधवगढ़ नेशनल पार्क के धमोखर रेंज के रोहनिया गांव से सटे ठूठा हार का है, जहां पर पेड़ों की बिना अनुमति कटाई कर दी गई है। ग्रामीणों ने बताया कि पेडो की कटाई मशीनों की मदद से की गई है। मामले की जानकारी के बाद बांधवगढ़ प्रबंधन और राजस्व विभाग दोनों ही मौके पर पहुंचे और कटी हुई साल की लकड़ी जप्त कर ली गई। वहीं अब दोनों विभाग संयुक्त कार्यवाही कर मामले की जांच में जुट गए हैं। वही पेड़ों की अवैध कटाई के संबंध मे बाधवगढ़ टाईगर रिजर्व के उपसंचालक लवित भारती ने बताया कि पेड़ो की कटाई हुई है और साल के पेड काटे गये है जिसकी लकडी भी जब्त की गई है..राजस्व एरिया का मामला है इसलिए पार्क और राजस्व दोनो विभाग संयुक्त कार्यवाही कर रहे है।
बहरहाल बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व जैसे सेंसटिव इलाके में अवैध रूप से पेड़ों का कत्लेआम किया जाना और विभाग को इसकी भनक तक नही लगना, पार्क के जिम्मेदारों को कटघरे में खड़ा करता है। देखना होगा हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटाई में कौन से लोग शामिल है और उनपर क्या कार्यवाही की जाती है?