बांधवगढ में संदिग्ध परिस्थितियों में तेंदुए के दो नवजात शावकों की मौत

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उमरिया/बाँधवगढ़ (संवाद)। जिले के विश्व विख्यात बाँधवगढ टाइगर रिजर्व के पनपथा परिक्षेत्र में गश्ती दल को गश्ती के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में तेंदुवे के दो शावक मिले है। हालांकि ये दोनों शावक अत्यंत दुर्बल और कमज़ोर लग रहे थे। जिससे कुछ ही देर में एक शावक की मौत हो गई। गश्ती दल ने तत्काल शावक को कार्यालय लाया और उपचार आदि शुरू कराया लेकिन इलाज के कुछ देर बाद दूसरे शावक की भी मृत्यु हो गई।
जानकारी के मुताबिक बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के पनपथा परिक्षेत्र में मादा तेंदुआ अपने शावकों को लेकर पनपथा रेंज के बटुराहार में विचरण कर रहा था,इसी बीच शिकार आदि के दौरान मादा तेंदुआ अपने शावकों को छोड़कर आगे बढ़ गई।इसी बीच ये दोनों शावक बिना मां से बिछड़कर जंगल मे घूमने लगे। शायद इस बीच नन्हे शावकों को भूख और प्यास से बेहाल थे।

जिसके बाद गश्ती दल की मासूम शावकों पर नजर पड़ी परन्तु दुर्भाग्य से एक की मौत वही हो गई थी और दूसरे शावक की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। वन्य प्राणी विशेषज्ञों की माने तो मादा तेंदुआ अक्सर अपने मजबूत शावक को सुरक्षित रखने कमज़ोर शावकों को छोड़ देती है।इस मामले में भी सम्भवतः ऐसा हो सकता है कि मादा तेंदुवा अपने मजबूत शावक को सुरक्षित रखने इन दोनों कमज़ोर शावकों को जंगल मे ही छोड़ दी हो। बाद में इन दोनों शावकों को गश्ती दल ने देखा,और बचाने का प्रयास किया परन्तु दुर्भाग्य से दोनो ने जान गंवा दी।

प्रबंधन की टीम अब डॉग स्क्वाड आदि की मदद से उस मादा तेंदुवे की तलाश कर रही है।जिनके ये दोनों शावक थे।पार्क टीम अब मादा तेंदुए के बाकी शावकों को सुरक्षित रखने के प्रयास में जुट गई है।इस मामले में वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ नितिन गुप्ता ने बताया कि दोनो शावकों के पेट पूरी तरह खाली थे,सम्भवतः मौत की यही वजह रही हो।हालांकि तत्काल इलाज दिया गया परन्तु बचाये नही जा सके।

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