बाँधवगढ़ में फिर एक जंगली हाथी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत,सवालों के घेरे में प्रबंधन

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उमरिया/बांधवगढ़ (संवाद)। बाघों के लिए दुनिया भर में मशहूर बाँधवगढ़ टाईगर रिजर्व में एक जंगली हाथी की शिकार से हुई मौत का मामला थमा भी नही था, कि फिर एक जंगली हाथी की संदिग्ध मौत ने बाँधवगढ़ प्रबंधन को सकते में डाल दिया है और एक बार फिर प्रबंधन सवालों के घेरे में नजर आ रहा है।
घटना के संबंध में जानकारी के मुताबिक बाँधवगढ़ टाईगर रिजर्व के पनपथा कोर जोन के हरदी बीट के कक्ष क्रमांक आरएफ 455 गंगीताल से हरदी मार्ग में एक जंगली हाथी मृत अवस्था मे पाया गया है। जानकारी के बाद वन अमला मौके पर पहुंचा है और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देकर हाथी के शव का पीएम आदि कराकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया है।इस दौरान एक वाक्या यह भी सामने आया कि मृत हाथी का पीएम के दौरान उसकी माँ हथिनी वहां पहुंच गई,जिसे देखकर वन अमला अपनी सुरक्षा और जानमाल के खतरे को देखते हुए वहां से भाग खड़े हुए। काफी देर इंतजार करने के बाद मृत हाथी की मां जब वहां से हट गई तब जाकर मृत हाथी का पीएम कराकर उसका अंतिम संस्कार किया गया।

बता दे कि बीते कुछ सालों से जंगली हाथी बाँधवगढ़ में डेरा जमा चुके है खासकर पनपथा का बफर और कोर क्षेत्र में अपना रहवास बना चुके है। पनपथा से लेकर पूरे इलाके में सोन नदी के किनारे तक और नदी के उस पार शहडोल जिले के इलाकों में विचरण करते नजर आते है।
बीते दिनों वन अमल की लापरवाही से एक हाथी की संदिग्ध मौत होने और उसके शव जला देने का मामला सामने आया है। जिसमे साफतौर पर वन विभाग की सर्चिंग और हाथियों के मूवमेंट की जानकारी रखने में वन अमला कटघरे में है। वहीं हाथी की किन परिस्थितियों में मौत हुई और सबूत मिटाने उसे जंगल मे जला दिया गया फिर भी बाँधवगढ़ प्रबंधन को इसकी भनक तक नही लगी। जबकि जंगली हाथी की मौत कहीं न कहीं शिकार की संभावना को जन्म देता है।वहीं आज फिर पनपथा में एक जंगली हाथी को संदिग्ध अवस्था मे मृत पाया जाना बाँधवगढ़ प्रबंधन को कटघरे में खड़ा करता है।

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