– भगवान बिरसा मुंडा के साहस, समर्पण और बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा
उमरिया (संवाद)। बलिदान दिवस के उपलक्ष पर युवा टीम उमरिया के द्वारा ग्राम पंचायत डगडौवा पर पहुंचकर भगवान बिरसा मुंडा जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। डीके इंस्टीट्यूट के संस्थापक दिलीप प्रजापति ने कहा जल, जंगल और जमीन के अधिकार के लिए संघर्ष करने वाले घरती आबा ने देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। उनके साहस, समर्पण और बलिदान प्रत्येक भारतीय को सदैव प्रेरित करता रहेगा।
टीम लीडर हिमांशू तिवारी ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के साहस, समर्पण और बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।उनका संघर्ष युगों-युगों तक प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि महान योद्धा बिरसा मुंडा से जुड़ी खास जानकारी इस संबंध में, महान योद्धा बिरसा मुंडा के बारे में बताते चलें कि, इनका जन्म 15 नवम्बर 1875 के दशक में छोटा नागपुर के किसान के गरीब परिवार में हुआ था। मुंडा एक जनजातीय समूह था जो छोटा नागपुर पठार (झारखण्ड) निवासी था। बिरसा जी को 1900 में आदिवासी लोंगो को संगठित देखकर ब्रिटिश सरकार ने आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया तथा उन्हें 2 साल की सजा दी गई थी और अंत में 9 जून 1900 को लगभग सुबह 8 बजे में अंग्रेजों द्वारा उन्हें जहर देने के कारण उनकी मौत हो गई। बताते चलें कि, बिरसा मुण्डा की समाधि राँची में कोकर के निकट डिस्टिलरी पुल के पास स्थित है। वहीं उनका स्टेच्यू भी लगा है। उन्होंने कहा कि शोषित और वंचितों के अधिकार के लिए धरती आबा ने अपना सर्वस्व न्योछावर किया। अंग्रेजों के खिलाफ लोहा लेकर देश को आजाद कराने में धरती आबा ने अपनी महती भूमिका निभाई। भगवान बिरसा मुण्डा के बलिदान को देश कभी नहीं भूलेगा। इनका अदम्य साहस, समर्पण और बलिदान हम सभी देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।
इस अवसर पर डीके इंस्टीट्यूट के संस्थापक दिलीप प्रजापती,सचिव देवेंद्र द्विवेदी, युवा समाजसेवी हिमांशू तिवारी,मुलायम सिंह यादव, विशंभर सिंह,सनी यादव,कविता बर्मन, प्रिया पटेल,समीर सिंह तेकाम,सौरभ पांडेय,दीपक प्रजापति, लष्मी सिंह ,अजीत बैगा, करन बैगा,पूजा परास्ते ,ज्योति विश्वकर्मा,प्रेरणा तिवारी उपस्थित रहे।