उमरिया (संवाद) जिले का विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बीते 10 साल पहले फेमस झुरझुरा वाली बाघिन की संदेहास्पद मौत के मामले में तत्कालीन डायरेक्टर के द्वारा प्रथम दृष्टया बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में कार्यरत मानसिंह नामक व्यक्ति और अन्य के खिलाफ आरोप के तहत जांच प्रारंभ की गई थी। जांच उपरांत मान सिंह सहित अन्य सभी सभी लोग इस मामले से दोषमुक्त होने की जानकारी मिली थी। जांच के दौरान तत्कालीन डायरेक्टर सीके पाटिल और अन्य के द्वारा मानसिंह को बगैर किसी सूचना या उसके घर में बताएं कई दिनों तक छिपाकर बंद रखा गया था। काफी हो हल्ला होने के बाद मान सिंह की पत्नी ने उमरिया जिले के तत्कालीन कलेक्टर के पास अपने पति मानसिंह के लापता होने की गुहार लगाई थी जिसके बाद आनन-फानन में बांधवगढ़ प्रबंधन के द्वारा उसे सामने लाया गया और झूर झूरा वाली बाघिन की संदेहास्पद मौत के मामले में जांच के लिए पूछताछ करना बताया गया था।
बांधवगढ़ की फेमस झुरझुरा की मौत का मामला पूरे देश में तहलका मचा दिया था जिसके बाद प्रबंधन ने आनन-फानन में उल्टी सीधी कार्यवाही करने लगे थे प्रथम दृष्टा आरोपी मान रहे मानसिंह का नारको टेस्ट भी कराया गया जिसमें विवाह दोषमुक्त हुआ था। इसके बाद मानसिंह को प्रबंधन द्वारा जबरन प्रताड़ित किए जाने और उसको नौकरी से निकाले जाने के बाद उसने न्यायालय की शरण ली थी। जांच में दोषमुक्त हुए मानसिंह ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और न्याय की गुहार लगाई थी जिसके बाद न्यायालय ने बांधवगढ़ के तत्कालीन डायरेक्टर सीके पाटिल सहित एसडीओ और रेंजर को दोषी मानते हुए बंदी प्रत्यक्षीकरण सहित मामला पंजीबद्ध कराया था।
जानकारी के मुताबिक मानपुर न्यायालय में काफी लंबे समय से चल रहे मामले में आज फैसले की सुनवाई की जा रही है। जहां चारों आरोपी बांधवगढ़ के तत्कालीन डायरेक्टर सीके पाटिल, एसडीओ घोड़मारे सहित रेंजर उपस्थित हुए हैं जहां पर कोर्ट के द्वारा मामले की सुनवाई की जा रही है।