कौशल विश्वकर्मा, एडिटर इन चीफ।9893833342
उमरिया (संवाद)। जिले में जैसे ही नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हुई है उतनी ही तेजी से कलेक्टर को हटाने की मांग भी उठने लगी है। कहा जा रहा है कि कलेक्टर की कार्यप्रणाली के चलते सत्ता पक्ष के लोग घबराए हुए हैं, उनके द्वारा यह कहा जा रहा है कि इस कलेक्टर के रहते भाजपा चुनाव नहीं जीत सकती?
जानकारी के मुताबिक गत दिवस 17 मई को जिले के प्रभारी मंत्री रामकिशोर कावरे के जिले के प्रवास के दौरान जिला मुख्यालय स्थित सिंधी धर्मशाला में भाजपा की बैठक आहूत की गई थी। इस दौरान उमरिया कलेक्टर को हटाने की पुरजोर मांग उठाई गई थी। इस संबंध में जानकारी के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के द्वारा नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के मद्देनजर भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के द्वारा एक बैठक आहूत की गई थी। जिसमें जिले के तमाम भाजपाई नेताओं के साथ मध्यप्रदेश शासन के आयुष एवं जल संसाधन राज्य मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री रामकिशोर कावरे ने भी शिरकत की थी। बैठक में चुनाव को लेकर तमाम विषयों पर चर्चा उपरांत जिले के भाजपा संगठन के लोगों के द्वारा यह बात भी प्रमुखता से उठाई गई कि जिले के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को जिले से हटाया जाए। इसके पीछे की कई वजह भी भाजपा के लोगों ने प्रभारी मंत्री रामकिशोर कावरे के समक्ष रखी थी। हालांकि इस बात पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि यह निर्णय सरकार और प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का है।

बता दें कि हाल ही में पूरे मध्यप्रदेश के साथ उमरिया जिले में भी नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव होने हैं। ऐसे में जिले के भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को यह अंदेशा है कि जिले में कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के रहते चुनाव में पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। और इनके रहते पार्टी को चुनाव जीत पाना असंभव है। जानकारी के मुताबिक आयोजित बैठक में जिले के भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का मानना है कि कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की कार्यप्रणाली और शासन की योजनाओं का लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है। वहीं बीते कुछ दिनों से भाजपा पदाधिकारियों के अनुरूप कलेक्टर कार्य नहीं कर रहे हैं। जिससे भाजपा पदाधिकारी लगातार इस बात से खफा रहते हैं। उनका मानना है शासन की योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंचे और इससे कोई भी वंचित न रहे। वहीं यह आदिवासी जिला होने के कारण कई बार उन तक जानकारी नही पहुंच पाती है जिससे आदिवासी शासन किसी लाभ या योजनाओं से वंचित न रह जाए जिससे सरकार की बदनामी हो। इन्ही सब बातों को लेकर लगातार कलेक्टर की कार्यप्रणाली को लेकर संगठन के लोग सवाल उठते रहे हैं और जिला भाजपा संगठन के कुछ लोग कलेक्टर को लेकर नाराजगी चल रही थी।
चूंकि हाल ही में नगरीय निकाय और पंचायतों के चुनाव होने हैं। ऐसे में संगठन को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं कलेक्टर की कार्यप्रणाली का असर चुनाव में तो नहीं होगा? जिससे भाजपा को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि प्रभारी मंत्री ने यह साफ कर दिया है कि कलेक्टर को हटाना या स्थानांतरित करना सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथ में है उनके निर्णय के बिना हटाना या स्थानांतरित करना संभव नहीं है। रही बात आप सब लोगों की तो संगठन की तरफ से यह मांग मेरे द्वारा वहां तक पहुंचा दी जाएगी।

सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश शासन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा चलाये जा रहे धारणाधिकार के तहत शुल्क जमा कराकर लोंगो को भूमि का मालिकाना हक देना और इसके साथ जिले में अन्य योजनाओं को लेकर जितनी प्रगति और आम जनता को जितना लाभ पहुंचाना था उसमें कहीं न कहीं जिला प्रशासन और कलेक्टर पूरी तरीके से सफल नहीं थे। इस लिहाज से भाजपा संगठन कलेक्टर की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।