पुलिस के द्वारा महिला को निर्वस्त्र कर पीटने का मामला,एसडीओपी,टीआई सहित 5 पुलिस कर्मियों पर FIR दर्ज

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रीवा (संवाद)। जिले में पुलिसिया कार्यवाही का असली चेहरा उजागर हुआ है। जहां पर पुलिस ने एक महिला को पहले निर्वस्त्र कर पिटाई की और उसे उसी हालत में पुलिस वाहन में बैठाकर थाने लाया गया। पुलिस का महिलाओं के प्रति यह अमानवीय चेहरा रीवा जिले के गुड थाना क्षेत्र में दिखाई दिया है। पुलिस की इस ज्यादती को लेकर महिला के द्वारा पुलिस महकमे के छोटे कर्मचारी से लेकर एसपी तक इस बात की गुहार लगाई है। लेकिन उस महिला की शिकायत किसी ने नहीं सुनी जिसके बाद महिला ने न्यायालय में परिवाद दायर कर दिया नया लेने महिला के बयान और साक्ष्यों के आधार पर दोषी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल रीवा के गुढ़ थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने वर्तमान में डभौरा एसडीओपी विनोद सिंह के साथ 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ न्यायालय में परिवाद दायर किया था। जिसपर पीड़िता के साथ उसके गवाहों का बयान सुनकर न्यायालय द्वारा एसडीओपी विनोद सिंह वर्तमान में नईगढ़ी थाना प्रभारी जगदीश सिंह ठाकुर के साथ ही पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 354, 323, और 294 का अपराध पंजीबद्ध किया है। जिसके बाद इन सभी पुलिसकर्मियों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होने का नोटिस भेजा गया है।
दरअसल 4 साल पहले 13 मई 2018 को बिना किसी बात के कार्यवाही का हवाला देकर जिले के 3 थानों का पुलिस बल गुढ़ थाना क्षेत्र स्थित महिला के घर पहुंच गया जहां पर महिला अपने घर में स्थित बाथरूम मे स्नान कर रही थी। इसी बीच उसके घर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने घर में उत्पात मचाने के साथ ही निर्वस्त्र हालत में महिला को उसके बाथरूम से घसीटते हुए उसे खूब पीटा और बाद में महिला के देवर के खिलाफ 376 का अपराध बताकर पुलिसकर्मियों के द्वारा महिला को उसी स्थिति में पुलिस वाहन में बैठाकर थाने ले जाया गया। जिससे उस महिला को आघात पहुंचा है। जिसके बाद मामले को लेकर महिला ने कई जगह शिकायत की परंतु किसी भी प्रशासनिक कार्यालय में महिला की सुनवाई नहीं हुई। जिसके कारण महिला ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया तथा पुलिस कर्मियों के खिलाफ न्यायालय में परिवाद दायर कर दिया।
न्यायालय में महिला के कथन को सुनने के साथ ही गवाहों के कथन के आधार पर न्यायालय ने इन सभी पुलिसकर्मियों को घटना पर दोषी मानते हुए उनके खिलाफ धारा 354, 323 और 294 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है,। मामले में एसडीओपी,टीआई सहित 5 पुलिसकर्मियों पर कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने निर्देश दिए है। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2018 में गढ़ थाने में निरीक्षक के पद पर पदस्थ्य वर्तमान में एसडीओपी विनोद सिंह तत्कालीन गुढ़ थाना प्रभारी हरीश द्विवेदी और पीएसआई जगदीश सिंह ठाकुर के साथ ही दो अन्य पुलिसकर्मियों ने महिला के साथ ज्यादती की थी जिसके बाद महिला के द्वारा न्यायालय के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया गया और महिला के आरोपों को सही मानते हुए न्यायालय ने समस्त पुलिसकर्मियों को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ धारा 354,323 और 294 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

 

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रीवा (संवाद)। जिले में पुलिसिया कार्यवाही का असली चेहरा उजागर हुआ है। जहां पर पुलिस ने एक महिला को पहले निर्वस्त्र कर पिटाई की और उसे उसी हालत में पुलिस वाहन में बैठाकर थाने लाया गया। पुलिस का महिलाओं के प्रति यह अमानवीय चेहरा रीवा जिले के गुड थाना क्षेत्र में दिखाई दिया है। पुलिस की इस ज्यादती को लेकर महिला के द्वारा पुलिस महकमे के छोटे कर्मचारी से लेकर एसपी तक इस बात की गुहार लगाई है। लेकिन उस महिला की शिकायत किसी ने नहीं सुनी जिसके बाद महिला ने न्यायालय में परिवाद दायर कर दिया नया लेने महिला के बयान और साक्ष्यों के आधार पर दोषी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों पर मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।दरअसल रीवा के गुढ़ थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने वर्तमान में डभौरा एसडीओपी विनोद सिंह के साथ 5 पुलिसकर्मियों के खिलाफ न्यायालय में परिवाद दायर किया था। जिसपर पीड़िता के साथ उसके गवाहों का बयान सुनकर न्यायालय द्वारा एसडीओपी विनोद सिंह वर्तमान में नईगढ़ी थाना प्रभारी जगदीश सिंह ठाकुर के साथ ही पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 354, 323, और 294 का अपराध पंजीबद्ध किया है। जिसके बाद इन सभी पुलिसकर्मियों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होने का नोटिस भेजा गया है।दरअसल 4 साल पहले 13 मई 2018 को बिना किसी बात के कार्यवाही का हवाला देकर जिले के 3 थानों का पुलिस बल गुढ़ थाना क्षेत्र स्थित महिला के घर पहुंच गया जहां पर महिला अपने घर में स्थित बाथरूम मे स्नान कर रही थी। इसी बीच उसके घर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने घर में उत्पात मचाने के साथ ही निर्वस्त्र हालत में महिला को उसके बाथरूम से घसीटते हुए उसे खूब पीटा और बाद में महिला के देवर के खिलाफ 376 का अपराध बताकर पुलिसकर्मियों के द्वारा महिला को उसी स्थिति में पुलिस वाहन में बैठाकर थाने ले जाया गया। जिससे उस महिला को आघात पहुंचा है। जिसके बाद मामले को लेकर महिला ने कई जगह शिकायत की परंतु किसी भी प्रशासनिक कार्यालय में महिला की सुनवाई नहीं हुई। जिसके कारण महिला ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया तथा पुलिस कर्मियों के खिलाफ न्यायालय में परिवाद दायर कर दिया।न्यायालय में महिला के कथन को सुनने के साथ ही गवाहों के कथन के आधार पर न्यायालय ने इन सभी पुलिसकर्मियों को घटना पर दोषी मानते हुए उनके खिलाफ धारा 354, 323 और 294 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है,। मामले में एसडीओपी,टीआई सहित 5 पुलिसकर्मियों पर कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने निर्देश दिए है। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2018 में गढ़ थाने में निरीक्षक के पद पर पदस्थ्य वर्तमान में एसडीओपी विनोद सिंह तत्कालीन गुढ़ थाना प्रभारी हरीश द्विवेदी और पीएसआई जगदीश सिंह ठाकुर के साथ ही दो अन्य पुलिसकर्मियों ने महिला के साथ ज्यादती की थी जिसके बाद महिला के द्वारा न्यायालय के समक्ष परिवाद प्रस्तुत किया गया और महिला के आरोपों को सही मानते हुए न्यायालय ने समस्त पुलिसकर्मियों को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ धारा 354,323 और 294 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।

Photo:google

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