कौशल विश्वकर्मा,एडिटर इन चीफ। 9893833342
उमरिया (संवाद)। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है। शिवराज सरकार के द्वारा भी जल्द चुनाव कराने के लिए तमाम सारी प्रक्रियाओं को को फटाफट पूरा किया जा रहा है।
इसी के मद्देनजर जहां नगरीय निकायों के होने वाले चुनाव में नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों के पार्षदो का आरक्षण भी पूरा कर लिया गया है। जिसमें बकायदे ओबीसी को भी नियमानुसार आरक्षण दिया गया है। हालांकि कई जगहों से ओबीसी आरक्षण के विरोध की जानकारी आ रही है। पार्षदों के आरक्षण के बाद जहां इच्छुक उम्मीदवार अपने-अपने वार्डों में जमावट भी शुरू कर दिए है। वहीं ओबीसी आरक्षण के कारण कई पुराने पार्षदो का जमा जमाया वार्ड आरक्षण के कारण फेरबदल हो गया है जिससे उन्हें नए सिरे से मशक्कत करना पड़ रहा है।
अध्यक्ष के आरक्षण का इंतजार
पिछले 8 सालों बाद हो रहे नगरीय निकाय के चुनाव का लंबा इंतजार लोंगों ने झेला है।खासकर नगरीय निकाय के चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार इस चुनाव को बेहद खास और महत्वपूर्ण मान रहे है। इसके अलावा आम पब्लिक भी चाहती है चुनाव जल्द हो जाये। चूंकि लंबे समय से चुनाव नही हो पा रहे थे जिस कारण आम जनता को नगर पालिका सहित वार्डों में अन्य सारी व्यवस्थाओं,समस्याओं को लेकर खासा परेशान देखे जाते थे। जबकि निरंतर समय पर चुनाव होते तो वार्डो का पूरा काम पार्षदों के जिम्मे मान लिया जाता है। और वार्डवासी किसी भी बात को सीधे पर पार्षद से बोलकर करा लेते है। वही अब चुनावी बिगुल बज चुका है, वार्ड सहित पार्षदो का आरक्षण प्रक्रिया भी संम्पन्न कराई जा चुकी है इंतजार है तो सिर्फ अध्यक्ष के आरक्षण का जोकि राजधानी भोपाल से किया जाएगा।
पार्षद चुनेंगे अध्यक्ष
अब यह बात भी साफ हो चुकी है कि नगर निगम के महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली यानी सीधे जनता के द्वारा वोटिंग कर चुने जायेगे, वही नगरपालिका, नगर पंचायत और नगर परिषदों के अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली यानी चुनकर आये पार्षदो के द्वारा बहुमत के आधार पर चुनाव किया जाएगा। उमरिया जिले में जहां एक नगर पालिका और 3 नगर पंचायतो का निर्वाचन होना है। जिसमे सभी जगह पार्षदो के द्वारा ही अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा।
अध्यक्ष के आरक्षण का संभावित आंकलन
नगर पालिका उमरिया-पहले ओबीसी महिला के लिए आरक्षित रही है, इस बार के चुनाव में ओबीसी, या अनारक्षित वर्ग होने की उम्मीद है।
नगर पंचायत चंदिया- पहले अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित रही है, इस बार अनारक्षित या अनुसूचित जनजाति वर्ग की उम्मीद है।
नगर पंचायत नौरोजाबाद-पहले अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित थी, इस बार भी अनुसूचित जनजाति वर्ग की उम्मीद है।
नवगठित मानपुर नगर परिषद- मानपुर के नगर परिषद के गठन के बाद पहली बार नगरीय निकाय के चुनाव होने है, जिसमे इस बार यहां अनारक्षित या ओबीसी वर्ग के आरक्षण की उम्मीद है।
मंत्री मीना सिंह के क्षेत्र में 1 नगर परिषद का चुनाव
मध्यप्रदेश सरकार में जनजातीय कार्य विभाग मंत्री सुश्री मीना सिंह के विधानसभा क्षेत्र मानपुर में सिर्फ 1 नगरीय निकाय का चुनाव होना है। जिसमें नवगठित नगर परिषद मानपुर शामिल है। चूंकि मानपुर पहले ग्राम पंचायत हुआ करता था जिसके बाद सुश्री मीना सिंह के प्रयास और मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार के द्वारा मानपुर को ग्राम पंचायत से नगर परिषद बनाने की प्रक्रिया की गई तब जाकर मानपुर नगर परिषद का गठन किया गया। गठन के बाद मानपुर में पहली बार नगर परिषद के रूप में चुनाव होने जा रहा है।
विधायक शिवनारायण के क्षेत्र में 3 चुनाव
जिले के बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक शिवनारायण सिंह (लल्लू) के विधानसभा क्षेत्र में 1 नगरपालिका, 2 नगर पंचायत मिलाकर 3 नगरीय निकाय के चुनाव होने है। जिसमें नगर पालिका उमरिया, नगर पंचायत चंदिया और नगर पंचायत नौरोजाबाद शामिल है। इस लिहाज से भी विधायक शिवनारायण के लिए यह बेहद प्रतिष्ठा वाला चुनाव हो सकता है। चूंकि नगरीय निकाय के चुनाव अपने निर्धारित कार्यकाल के 3 साल विलम्ब से हो रहे है। इस बीच पूरे क्षेत्र के नगरीय क्षेत्र का भी प्रतिनिधित्व विधायक ही कर रहे थे। जिस कारण उनके द्वारा इस बीच किये गए कार्यों का परफार्मेंस को भी आधार बनाया जा सकता है। आम जनता के द्वारा भी उनके कार्यकाल के दौरान विकास कार्यों का आंकलन कर चुनाव में अपने मत का उपयोग करेगी। वहीं विधायक शिवनारायण सिंह की भी यही कोशिश रहेगी कि उनके क्षेत्र के तीनों नगरीय निकाय में उनके पार्टी के ज्यादा से ज्यादा वार्डों में उनके ही पार्षद चुनकर आये, जिससे बहुमत के आधार पर वे अपने पार्टी का अध्यक्ष बना सके।