पश्चिम बंगाल: पंचायत चुनाव में हिंसा राज्य सरकार की सहमति या उसका फेलुवर,बूथ कैप्चरिंग और खुलेआम चली गोलियां अब तक 16 लोगों की मौत

Editor in cheif
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पश्चिम बंगाल (संवाद)। राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान भारी हिंसा के कारण अब तक 16 लोगों की मौत हो चुकी है घटना को लेकर जहां सियासत मची हुई है वही भाजपा ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है वही सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने विपक्षी पार्टी पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या पश्चिम बंगाल में कि सरकार शांति व्यवस्था कायम रखने में नाकाम है या इस हिंसा में सरकार की सहमति है या उसका फेलुवर?
पश्चिम बंगाल में शनिवार को पंचायत चुनाव के लिए मतदान जैसे ही सुबह प्रारंभ हुआ पूरे प्रदेश से हिंसा भरी खबरें सामने आने लगी। कई पोलिंग बूथ पर मतदान पेटी लूटने का प्रयास शुरू होने लगा, इस दौरान एक पक्ष दूसरे पक्ष से लड़ाई झगड़े करने लगे और देखते ही देखते यह विवाद खतरनाक हिंसा में बदल गया। चारों तरफ चीख-पुकार मची लोक पिस्टल से फायरिंग करने लगे इस घटना में 16 लोगों के मारे जाने की खबर है यह खबर पूरे देश में आग की तरह फैल गई विपक्षी दल भी राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के द्वारा तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि तृणमूल के गुंडे गुंडों को सरकार की तरफ से खुली छूट मिली हुई है उनके द्वारा जनता के जनादेश को लूटने और फर्जीवाड़ा कर पंचायत चुनाव को जीतना चाहते हैं। हिंसा भड़का कर वह राज्य से लेकर पंचायत तक कब्जा करना चाहते हैं इसके अलावा भाजपा की तरफ से बयान आया कि राज्य की सत्तासीन पार्टी तृणमूल कांग्रेस राज्य में शांति व्यवस्था बनाने में असफल साबित हुई है पंचायत चुनाव में जिस तरह हिंसा करने वालों प्रमुख सहमति जताई है इसलिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।
जाहिर सी बात है पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव हो रहे थे ऐसे में कानून का राज और शांति व्यवस्था के तहत पूरी चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। लेकिन यहां तो पंचायत चुनाव में भी काफी होने हिंसा का सहारा लिया जा रहा है निश्चित रूप से राज्य में सत्तासीन पार्टी तृणमूल कांग्रेस पूरे पंचायत चुनाव में असफल और फेलुअर साबित हुई है। हालांकि तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में केंद्रीय सुरक्षा बल के द्वारा हिंसा को रोक नहीं पाने का आरोप लगाया है।
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