पर्यटकों की जिप्सी पर जंगली हाथी का हमला, वीडियो में देखिए किस तरह टूरिस्ट जिप्सी को दौड़ाया जंगली हाथी

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कौशल विश्वकर्मा, एडिटर इन चीफ।
उमरिया (संवाद)। बाधवगढ़ टाईगर रिजर्व के पर्यटन क्षेत्र में लगातार जंगली हाथियों की हलचल बनी रहती है। इसके पहले जंगली हाथियों ने टाईगर रिजर्व क्षेत्र की सीमा से लगे क्षेत्र में फसलो और रिजर्व के कैम्पो को भी नुकसान पहुचाया है वही टाईगर रिजर्व के क्षेत्रो और आसपास के गांवो मे जंगली हाथियों की दहशत भी बनी रहती है। जंगली हाथियों के कारण पूर्व मे टाईगर रिजर्व मे पर्यटन भी बंद करना पडा था।
वायरल वीडियो में बाधवगढ़ टाईगर रिजर्व के भीतर, जिसमे जंगली हाथी ने पर्यटकों की जिप्सी पर हमला करने का प्रयास किया है जिसमे जिप्सी के ड्राइवर की सूझबूझ से पर्यटको को जंगली हाथी से दूर सुरक्षित स्थान पर ले गया। इस वीडियो को टाईगर रिजर्व एसडीओ  सुधीर मिश्रा ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर शेयर किया जिसके बाद  पूरे क्षेत्र मे हलचल मच गई।
वही बाधवगढ़ टाईगर रिजर्व के उपसंचालक लवित भारती ने बताया कि इस तरह का एक वीडियो सामने आया है, जिसकी जांच कराई जाएगी। और अब जिप्सी चालको और गाईडो को पर्यटन के साथ जंगली हाथियों से बचाव का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
2 लोंगो की जंगली हाथी ले चुके जान
बीते समय मे जंगली हाथी 2 लोंगो को कुचलकर मौत के घाट उतार चुके है,उड़ीसा से छत्तीसगढ़ के रास्ते बांधवगढ़ के जंगल मे पहुंचे जंगली हाथियों की तादात अब लगभग 100 के पार है।इसके पहले इनका रुख पार्क के सीमावर्ती गांवों की तरफ रहा है और ग्रामीणों की खेती को तबाह करने के साथ किसान अन्नू केवट और ललती बाई को कुचलकर मार डाला था जिसके बाद से गांवों में जंगली हाथियों की दहशल है।
लगातार बढ़ रही इनकी तादात
4 साल पहले उड़ीसा से जब ये हाथी आये थे तब इनकी तादात लगभग 15 के आसपास थी लेकिन अब सौ के पार हो गई है, समय रहते अगर इस मसले पर ध्यान नही दिया जाता तो आनेे वाले समय मे पूरे जंगल मे जंगली हाथियों की फौज हो जाएगी इसके बाद बांधवगढ़ का क्या हश्र होगा समझा जा सकता है।
प्रबंधन की चूक का है नतीजा
जानकारी के मुताबिक बांधवगढ़ में जंगली हाथियों की समस्या प्रबंधन की चूक का ही नतीजा है।इसके पहले तक जंगली हाथीयों की सक्रियता सीधी जिले व अनूपपुर के छत्तीसगढ़ बार्डर के उसी पार तक रहती थी, कुछ समय पहले सीधी जिले में जंगली हाथियों के उत्पात के बाद उन्हें पकड़कर बांधवगढ़ लाया गया था और वहीं से यह सिलसिला शुरू हो गया,जानकर बताते है कि हांथियों की सूंघने और सुनने की क्षमता बहुत तीव्र होती है, और इसी कारण से प्रबंधन के द्वारा पकड़कर बांधवगढ़ में लाये गए जंगली हाथी के बाद अन्य उसके झुंड के हांथियों का रुख बांधवगढ़ की ओर हो गया।
अब तक करोड़ो का कर चुके नुकसान
जानकारी के मुताबिक जंगली हाथियों के द्वारा इंसानों को मारने के साथ जंगल को तबाह कर ही रहे है, वही इसके अलावा बांधवगढ़ प्रबंधन का भी करोड़ो रूपये का नुकसान कर चुके है, जंगल के भीतर प्रबंधन द्वारा वन्यप्राणियों के लिए पानी की व्यवस्था के लिए  बनाये गए  सौर ऊर्जा के कई यूनिट को तबाह कर दिया। इसके अलावा कैम्पो, वाच टावरों को भी नुकसान पहुचाया गया है।
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