उमरिया (संवाद)। जिले में धारणाधिकार के तहत लोगों को दिए गए जमीन का मालिकाना हक पट्टे वितरण में सही तरीके के नियम को नहीं अपनाकर नियमों और प्रक्रिया में लापरवाही बरती गई है जारी किए गए अधिकतर पट्टों में रिश्वत और भ्रष्टाचार किए जाने की बात सामने आ रही है। पूरे शहर में इस बात की चर्चा भी चल रही है कि जिले में खासकर जिला मुख्यालय में बांटे गए धारणाधिकार के पट्टू में धांधली की गई है और कुछ चिन्हित लोगों से रिश्वत लेकर उन्हें बगैर नियम कानून के ही पट्टे जारी कर दिए गए हैं जिसको लेकर अब लोगों के द्वारा यह बात कही जा रही है कि जारी किए गए पट्टों को निरस्त करके पुनः सही तरीके से नियम और जांच करा कर पट्टे जारी किए जाएं।
कलेक्टर के ट्रॉन्सफार के बाद जारी किए पट्टे ?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस पूरे मामले में गड़बड़ी तब देखी गई जब तत्कालीन और जिले में रायतेबाज के नाम की पहचान रखने वाले कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का स्थानांतरण हो गया स्थानांतरण होते धारणाधिकार के कुछ चिन्हित लोगों को पट्टे जारी करने की जानकारी है। इसके पहले प्रशासन के द्वारा इसमें कोई कार्यवाही नहीं की गई थी जिससे सवाल यह उठता है कि आखिर क्या वजह थी कि स्थानांतरण के बाद फटाफट उन चिन्हित लोगों के फाइलों को निपटाई गई। जबकि ऐसे कई प्रकरण और आवेदन कई लोगों के द्वारा लगाए गए हैं लेकिन उनके आवेदनों पर विचार तक नहीं किया गया। वहीं कुछ चुनिंदा लोगों जिनसे उनकी या उनके मातहतो से रिश्वत की बातचीत हो गई थी उन्ही प्रकरणों या आवेदनों पर आनन फानन में नियम विरुद्ध तरीके से इस पूरी कार्यवाही को अंजाम दिया गया है। आखिर इतनी जल्दी क्यों थी की स्थानांतरण के बाद भी कुछ चुनिंदा लोगों के पट्टे जारी किए गए ?
लोंगों को फोन लगाकर की गई सेंटिंग
जानकारी के मुताबिक तत्कालीन कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को जिले से हटाए जाने के दूसरे दिन उनका खास मातहत और धारणाधिकार के मामलों में पदस्थ एक बाबू के द्वारा इस पूरे मामले को अंजाम दिया गया है। लोगों ने बताया कि कलेक्टर के स्थानांतरण के बाद उस बाबू के द्वारा धारणाधिकार के तहत लगे आवेदनों में से कुछ चुनिंदा लोंगो और जिन से सेटिंग इत्यादि हो गई थी उन्हें फोन लगाकर बताया गया कि आप तुरंत आकर मिले आपके काम के लिए बातचीत हो चुकी है। जिसके बाद लोग उनके पास पहुंचे और जो भी बातचीत या जो भी लेनदेन हुआ उसे पूरा करके उन्होंने धारणाधिकार के तहत पट्टे को हासिल किया है।
नपा चुनाव में रातो रात जारी किए गए थे कुछ पट्टे ?
तत्कालीन कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के द्वारा एक राजनीतिक दल विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए रातो रात कुछ पट्टे जारी किए गए थे। जानकारी के मुताबिक नगर पालिका उमरिया के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के द्वारा पार्टी विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए नियम विरुद्ध तरीके से एक महिला पार्षद के घरवालों और उसके कुछ रिश्तेदारों को खरीद फरोख्त करके उन्हें इस शर्त पर धारणाधिकार के तहत तीन से चार पट्टे जारी किए गए थे की एक पार्टी विशेष को अध्यक्ष के चुनाव में वोट करना है इनके द्वारा जारी किये गए पट्टों पर भी नियम और निर्देश को दरकिनार करते हुए धांधली कर पट्टे जारी किए गए थे ?
जिले के लोंगो के द्वारा नवागत और वर्तमान कलेक्टर महोदय से धारणाधिकार के तहत बांटे गए पट्टों में की गई इस पूरी गड़बड़ी प्रक्रिया को निरस्त करने पुनः इसकी पूरी जांच कराकर नियम और निर्देशों का पालन करते हुए एक बार फिर नए सिरे से प्रक्रिया अपनाने की मांग की गई है।