– पुलिस ने आयोजित किया नशा मुक्ति एवं साइबर जागरूकता शिविर
उमरिया (संवाद)। उमरिया पुलिस द्वारा अनोखी पहल पुलिस अधीक्षक उमरिया प्रमोद कुमार सिन्हा , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमरिया रेखा सिंह के मार्गदर्शन में पाली एसडीओपी डॉ जितेंद्र सिंह जाट के निर्देशन में तथा पाली थाना प्रभारी आर.के धारिया महोदय के नेतृत्व में ग्राम पंचायत मालियागुड़ा पाली में नशा मुक्ति व साइबर क्राइम जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। जिसमें शराब एवं अन्य प्रकार के नशे ना करने के संबंध में समझाइश दी गई एवं लोगों को नशा ना करने के लिए जागरूक किया गया।
इस अवसर पर पाली थाना उप निरीक्षक आर.एस मिश्रा ने ग्रामीण वासियों को नशा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि युवा पीढ़ी को धूम्रपान से दूर रहने एवं पीड़ित मानव की सेवा करने की बात कही। इस अवसर पर श्री मिश्रा ने कहा नशा युवा पीढ़ी को खोखला करते जा रहा है।साइबरक्राइम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। कई बार लोग अनजाने में साइबर क्राइम कर बैठते हैं या इसका शिकार हो जाते हैं। अगर हम इसके प्रति जागरूक होंगे तो इससे हमें ही समाज को कोई नुकसान होगा। साइबर क्राइम से बचाव के लिए जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।
प्रधान आरक्षक शैलेंद्र कुमार दुबे ने बताया कि ने जवानों को कहा कि आमतौर पर आज के समय में नशा से होने वाले नुकसान के बारें में हर कोई जानता है लेकिन फिर वह इसे बड़े शौक के साथ लेता है। युवा शराब, सिगरेट, ड्रग्स सहित न जाने कितनी जहरीली चीजों का सेवन करते है। वह इन चीजों के इतने ज्याजा लती हो जाते है कि इसके बिना शायद ही वो रह पाते है। अत: हमेशा नशे से बचके रहना होगा। वही साइबर अपराध को लेकर भी जानकारी देते हुए कहा कि साइबर क्राइम के प्रति जागरूकता के मामले में अमेरिका पहले स्थान पर है। यहां बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से ही इसकी जानकारी दी जाती है, जिससे वे साइबर अपराधों से बच जाते हैं। उन्होंने कहा कि जैसे हम अपने जीवन में अपनी सुरक्षा के उपाय खुद करते हैं, ठीक उसी तरह वर्चुअल दुनिया में भी सुरक्षा के उपाय करना होंगे। साथ ही कानून, अपराध एवं उनका अनुसंधान, न्यायालयीन कार्यवाही, अपराधियों को दंड दिए जाने आदि की जानकारी दी।

युवा हिमांशू तिवारी ने ग्रामीणों को साइबर अपराध के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जागरूकता ही है साइबर क्राइम से बचने का सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने कहा कि मादक द्रव्य दुरूपयोग सबसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। यह एचआईवी, हेपेटाइटिस, तपेदिक जैसे गंभीर रोगों का कारण है, इसके अलावा इसके आर्थिक हानि और असामाजिक व्यवहार जैसे कि चोरी, हिंसा और अपराध एवं सामाजिक कलंक तथा समाज का समग्र पतन कई रूपों में दुष्प्रभाव भी हैं।हम किसी भी नशे को अपनी प्रबल इच्छा शक्ति से स्वयं को शिकार बनने से रोक सकते है। कहा कि नशा करने से शरीर को अंदर से नुकसान होता है। जिसस व्यक्ति में कमजोरी आने लगती है। ऐसे में वह थोड़ा-सा काम करने पर भी थक जाते है। नशा का सेवन या नशा की लत एक सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्या है जो न केवल पूरे विश्व के युवाओं को प्रभावित करती है।
इस अवसर पर पाली थाना उप निरीक्षक आर एस मिश्रा, प्रधान आरक्षक शैलेंद्र कुमार दुबे, अजय सिंह परिहार,नगर रक्षा समिति सदस्य हिमांशु तिवारी,सौरभ पांडेय, लष्मी सिंह,जितेंद्र सिंह,पूजा परास्ते ,श्री राम तिवारी एवं सभी ग्रामीण उपस्थित रहे।