कटनी (संवाद)। जिले के तहसील कार्यालय में पदस्थ बाबू के द्वारा नामांतरण मामले में रुपये 15 हजार की घूस लेते पकड़े गए एक बाबू को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम विशेष न्यायालय ने 4 वर्ष के कठोर कारावास और ₹20000 के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया है। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार पटेल ने की।
जानकारी के अनुसार डन कॉलोनी निवासी हरिजीत पिता सरदार गुरुचरण सिंह ने 27 मार्च 2014 को जबलपुर लोकायुक्त कार्यालय में एक लिखित आवेदन देकर शिकायत की थी की उसके और उसके परिवार से संबंधित 6 नामांतरण के प्रकरण तहसीलदार कार्यालय कटनी में लंबित हैं। तहसील कार्यालय में पदस्थ संतोष सोनी रीडर तहसीलदार उससे मामले में नामांतरण कार्यवाही आगे बढ़ाने के लिए ₹20000 की रिश्वत मांग रहा है। लेकिन उसे वह रिश्वत नहीं देना चाहता बल्कि उसे रंगे हाथों पकड़ वाना चाहता है। जिसके बाद 28 मार्च 2014 को तहसील कार्यालय में पदस्थ रीडर संतोष कुमार सोनी को आवेदक हरिजीत सिंह ने ₹15000 की रिश्वत लेते लोकायुक्त की टीम ने पकड़ा था।
इसी मामले में न्यायालय ने अभियोजन की ओर से पेश किए गए साक्ष्य और तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी संतोष कुमार सोनी तत्कालीन रीडर तहसील न्यायालय कटनी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी मानते हुए 4 वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया है।