गाय के बछड़े की इंसानियत देख खुद इंसान है हैरान, मालिक की मौत पर खूब रोया,अंतिम संस्कार में दी लकड़ी

Editor in cheif
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झारखंड (संवाद)। झारखंड के हजारीबाग इलाके में दुनिया में पशु कहे जाने वाले की इंसानियत देख हर कोई हैरान और परेशान है। यहां एक गाय के बछड़े ने अपने मालिक की मौत पर अंतिम संस्कार के दौरान शमशान पहुंचकर खूब रोया बल्कि वह अंतिम संस्कार में शामिल लोगों के साथ शव का परिक्रमा कर सत लकड़ी भी दी है। इस दौरान वह बछड़ा तब तक श्मशान में मौजूद रहा जब तक उसके मालिक का शरीर पंचतत्व में विलीन नहीं हो गया। यह दृश्य देख अंतिम संस्कार में शामिल लोगों ने उस निसंतान व्यक्ति की मौत का बछड़े को उत्तराधिकारी मानते हुए उसे पहले नहलाया और उसके उसके द्वारा अंतिम संस्कार भी कराया गया । इस दौरान वहां मौजूद लोगों में से किसी ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया और अब उसे सोशल मीडिया में वायरल किया जा रहा है।

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झारखंड (संवाद)। झारखंड के हजारीबाग इलाके में दुनिया में पशु कहे जाने वाले की इंसानियत देख हर कोई हैरान और परेशान है। यहां एक गाय के बछड़े ने अपने मालिक की मौत पर अंतिम संस्कार के दौरान शमशान पहुंचकर खूब रोया बल्कि वह अंतिम संस्कार में शामिल लोगों के साथ शव का परिक्रमा कर सत लकड़ी भी दी है। इस दौरान वह बछड़ा तब तक श्मशान में मौजूद रहा जब तक उसके मालिक का शरीर पंचतत्व में विलीन नहीं हो गया। यह दृश्य देख अंतिम संस्कार में शामिल लोगों ने उस निसंतान व्यक्ति की मौत का बछड़े को उत्तराधिकारी मानते हुए उसे पहले नहलाया और उसके उसके द्वारा अंतिम संस्कार भी कराया गया । इस दौरान वहां मौजूद लोगों में से किसी ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना लिया और अब उसे सोशल मीडिया में वायरल किया जा रहा है।दरअसल पालतू जानवरों को पशु समझने वाले दुनिया भर के लोगों को बछड़े की इंसानियत देख यह एक उदाहरण ही होगा की मूक जानवर सिर्फ पशु ही नहीं बल्कि वह एक समझदार जानवर भी हैं। झारखंड के हजारीबाग इलाके से आया यह वीडियो जिसमें हजारीबाग निवासी मेवालाल ठाकुर का यह बछड़ा मेवा लाल की की मौत हो जाने पर वह उसके अंतिम संस्कार में शामिल होने श्मशान घाट पहुंच गया और जोर-जोर से रंभाने लगा। अंतिम संस्कार में शामिल लोगों ने पहले उसे वहां से भगाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माना वह  रंभाते हुए मेवालाल के शव के पास पहुंचकर उसे चूमने लगा।यह दृश्य देख लोगों ने समझा कि यह तो मेवा लाल का ही बछड़ा है। चूंकि मृतक मेवा लाल ठाकुर निसंतान रहा है। इसलिए वह सब बछड़े की हरकत को देख उसका उत्तराधिकारी समझने लगे। तब लोगों ने बछड़े को पहले स्नान कराया और बाद में अंतिम संस्कार में शामिल लोगों के साथ शव का परिक्रमा भी किया है। इस दौरान वह अपने मुंह से लकड़ी उठाकर चिता के ऊपर भी रखा है। इसके बाद बछड़ा तब तक वहां मौजूद रहा जब तक उसके मालिक मेवालाल का शव पंचतत्व में बिलीव नहीं हो गया।बताया गया कि मृतक मेवालाल अपने बछड़े को कुछ महीने पहले बेच दिया था लेकिन जब कुछ दिन बाद मेवा लाल की मौत हुई तब वह बछड़ा गांव पहुंच गया जहां वह जोर-जोर से रोने लगा पूरे घटनाक्रम का वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है जिसने भी वीडियो को देखा वह हैरान रह गया। सभी ने सोचा कि पशु समझे जाने वाले जानवर की इंसानियत तो इंसानों से ज्यादा अच्छी है।
दरअसल पालतू जानवरों को पशु समझने वाले दुनिया भर के लोगों को बछड़े की इंसानियत देख यह एक उदाहरण ही होगा की मूक जानवर सिर्फ पशु ही नहीं बल्कि वह एक समझदार जानवर भी हैं। झारखंड के हजारीबाग इलाके से आया यह वीडियो जिसमें हजारीबाग निवासी मेवालाल ठाकुर का यह बछड़ा मेवा लाल की की मौत हो जाने पर वह उसके अंतिम संस्कार में शामिल होने श्मशान घाट पहुंच गया और जोर-जोर से रंभाने लगा। अंतिम संस्कार में शामिल लोगों ने पहले उसे वहां से भगाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं माना वह  रंभाते हुए मेवालाल के शव के पास पहुंचकर उसे चूमने लगा।
यह दृश्य देख लोगों ने समझा कि यह तो मेवा लाल का ही बछड़ा है। चूंकि मृतक मेवा लाल ठाकुर निसंतान रहा है। इसलिए वह सब बछड़े की हरकत को देख उसका उत्तराधिकारी समझने लगे। तब लोगों ने बछड़े को पहले स्नान कराया और बाद में अंतिम संस्कार में शामिल लोगों के साथ शव का परिक्रमा भी किया है। इस दौरान वह अपने मुंह से लकड़ी उठाकर चिता के ऊपर भी रखा है। इसके बाद बछड़ा तब तक वहां मौजूद रहा जब तक उसके मालिक मेवालाल का शव पंचतत्व में बिलीव नहीं हो गया।
बताया गया कि मृतक मेवालाल अपने बछड़े को कुछ महीने पहले बेच दिया था लेकिन जब कुछ दिन बाद मेवा लाल की मौत हुई तब वह बछड़ा गांव पहुंच गया जहां वह जोर-जोर से रोने लगा पूरे घटनाक्रम का वीडियो अब सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है जिसने भी वीडियो को देखा वह हैरान रह गया। सभी ने सोचा कि पशु समझे जाने वाले जानवर की इंसानियत तो इंसानों से ज्यादा अच्छी है।
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