गांव की आदिवासी महिला ने ली अधिकारियों की जमकर क्लास,भाग खड़े हुए अधिकारी,पेशा एक्ट कानून का हो रहा असर

Editor in cheif
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शहड़ोल (संवाद)। प्रदेश में पेशा एक्ट लागू होने के बाद आदिवासी अंचलो के आदिवासियों में अब इसका खासा असर दिखने लगा है। जानकार आदिवासी इस एक्ट के तहत सीधे अधिकारियों से सवाल पूछने लगे हैं।एक ऐसा ही मामला शहडोल जिले की एक गांव में देखने को मिला जहां एक आदिवासी महिला के द्वारा जिम्मेदार अधिकारियों से सवाल पूछ लिया गया जिसके बाद उन अधिकारियों के द्वारा सवाल का जवाब देना तो दूर वह वहां से भागते नजर आए।
दरअसल जिले के जनपद पंचायत सोहागपुर के ग्राम पंचायत बेमहौरि के गुर्रा घाट में सड़क, बिजली और पानी की बहुत समस्या है जिसकी शिकायत का निराकरण पंचायत और ग्रामीण विकास के अधिकारी गांव की  का निपटारा करने पहुंचे हुए थे और वह वही पुरानी व्यवस्था व परंपरा के तहत समस्या का निदान कर रहे थे। तभी अचानक उनका सामना एक आदिवासी महिला प्रेमवती कोल से हो गया। महिला ने पंचायत और ग्रामीण विकास के एसडीओ इंजीनियर और गांव के सचिव को जमकर फटकार लगाई है।वह सीधे तौर पर गांव में समस्याओं और उनकी शिकायत के लिए उन्हे ही जिम्मेदार ठहराया है।
आदिवासी महिला प्रेमवती कोल के द्वारा ग्रामीण विकास के एसडीओ,इंजीनियर को फटकार लगाते हुए कहा कि आप लोगों के द्वारा गांव की शिकायत के निपटारे की आवश्यकता क्यों पड़ी है,जबकि आपके द्वारा सही और उचित कार्यवाही की जाती और समस्या का निराकरण पहले ही कर दिया जाता तो इसकी आवश्यकता ही नहीं थी। पेसा एक्ट कानून लागू होने के बाद इस बात की जवाबदारी अधिकारियों की बनती है कि ऐसी शिकायतों का निराकरण इस स्पॉट और पंचायत स्तर पर हो। जिससे समस्याएं ही ना रहे।
आदिवासी महिला की बात सुनकर अधिकारी उसका जवाब देना तो दूर बल्कि वहां से भाग खड़े हुए। आदिवासी महिला और अधिकारियों के बीच इस पूरी बातचीत का वीडियो और ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसमें साफ तौर पर यह देखा जा सकता है कि गांव बिजली पेयजल और सड़क के लिए किस कदर जूझ रहा है इसी बात को लेकर एक आदिवासी महिला इतने बड़े बड़े अधिकारियों को कैसे फटकार लगा रही है।
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