कान्हा से 60 किलोमीटर लाने के बाद आखिर कहां गायब हो गए बारहसिंघा,मामले को दबाने झूठ बोल रहे हैं अधिकारी

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उमरिया/मंडला (संवाद)। कल शुक्रवार को नेशनल पार्क कान्हा से 8 नग बारहसिंघा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व लाए जाने थे, जिसके लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के अधिकारियों की विशेष टीम और रेस्क्यू टीम कान्हा नेशनल पार्क पहुंचकर सभी औपचारिकताओं को पूर्ण करते हुए 8 नग बारहसिंघा को विशेष वाहन में लेकर रवाना हुई थी। जो लगभग 60 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय कर अचानक गायब हो गए। अब उनके द्वारा मामले में पर्दा डालने और मामले को दबाने के लिए लगातार झूठ बोला जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की विशेष टीम जो बारहसिंघा लाने कान्हा नेशनल पार्क पहुंची थी। वह टीम लगभग 12:15 बजे 8 नग बारहसिंघा को वन्य प्राणियों को लाने और ले जाने वाले विशेष वाहन (केज) में रखकर सारे नियम प्रोटोकॉल और पूरी औपचारिकताओ को पूर्ण करने के बाद वहां से रवाना हुए थे। कान्हा से रवाना होने के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा था की शाम 5:30 बजे के आसपास बांधवगढ़ की टीम 8 नग बारहसिंघा लेकर बांधवगढ़ पहुंच जाएगी। बांधवगढ़ में बारहसिंघा आने को लेकर वन्यजीव प्रेमियों में खासा उत्साह रहा है।

मिली जानकारी के मुताबिक बांधवगढ़ के विशेष टीम कान्हा से बारहसिंघा लेकर बांधवगढ़ आने वाले रास्ते में लगभग 50 से 60 किलोमीटर का सफर तय कर चुकी थी लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि उसके बाद वह कहां गायब हो गए किसी को खबर नहीं। कई घंटे पता नहीं चलने के बाद जो समय का अंदाजा लगाया गया था उस समय कि कई घंटो बीतने के बाद भी बांधवगढ़ के तीन बारहसिंघा लेकर बांधवगढ़ नहीं पहुंची। रात में कई बार संपर्क करने के बाद जिम्मेदारों के द्वारा अब मामले में पर्दा डालने और सच्चाई से पानी को लेकर लगातार भ्रमित किया जा रहा है उनके द्वारा इस मामले को लेकर झूठ बोला जा रहा है।

मामले को दबाने और छिपाने में माहिर है प्रबंधन

बारहसिंघा लाने गई बांधवगढ़ की टीम में शामिल अधिकारी के द्वारा बारहसिंघा को लेकर अब जो बात बताई जा रही है, वह हजम होने वाली नहीं है। कारण यह कि कान्हा नेशनल पार्क के वरिष्ठ अधिकारियों से जानकारी लेने के बाद उनके बताने और बांधवगढ़ की टीम के बताने में बहुत अंतर है। इससे साफ जाहिर होता है कि ऐसा कुछ जरूर हुआ है जिस कारण बारहसिंघा कान्हा नेशनल पार्क से तो रवाना हुए लेकिन वह बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व नहीं पहुंच सके?
बड़ा सवाल है कि आखिर ऐसा क्या हुआ और वह 8 नग बारहसिंघा कहां गए चले गए। इसकी साफ सुथरी और अधिकृत जानकारी आखिर सामने क्यों नहीं आ पा रही है? इस मामले में लोगों ने कई आरोप लगाए भी लगाएं हैं। कई लोगों की अपनी निजी राय हैं कि बांधवगढ़ प्रबंधन टीम के द्वारा 8 नग बारहसिंघ को लेकर बांधवगढ़ के रवाना लिए रवाना हुए थे और 50 से 60 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद अचानक पूरे बारहसिंघा की मौत हो गई। जिसे अब पूरे मामले को दबाने और छिपाने को लेकर बांधवगढ़ प्रबंधन की टीम और कान्हा नेशनल पार्क के अधिकारी जुटे हुए हैं।

जंगली हाथी की मौत को भी हजम कर गए

इसके पहले बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के पनपथा बफर क्षेत्र में एक विशालकाय जंगली हाथी का प्रबंधन की मिली भगत से शिकार कर लिया गया।इसके बाद मृत हाथी को छिपाने जंगल मे उसे जला दिया गया।इस घटना को लेकर बांधवगढ़ महीनों चुप्पी साधे रहा और पूरे प्रयास में जुटा रहा कि इस घटनाक्रम का किसी को भनक तक नही लगे। महीनों बाद खोजी पत्रकारों ने इस मामले को सबके सामने ला दिया।तो जब बांधवगढ़ प्रबंधन एक विशालकाय हाथी के मामले को हजम कर गए, फिर तो यह बारहसिंघा है।
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