उमरिया (संवाद)। उमरिया जिला अन्तर्गत 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चे जिनके माता / पिता अथवा दोनों में से किसी एक की मृत्यु हो गई है। जो अपने सगे संबंधियों, रिश्तेदारों के यहाँ निवासरत है तथा बच्चों का पालन पोषण देखरेख करने में सक्षम नहीं है। ऐसे बालक / बालिकाओं को महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से निजी स्पॉसरशिप योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। इस योजना के तहत प्रत्येक बालक के पालकों को 2000 /- प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान है और यह राशि न्यूनतम 1 वर्ष तक दी जावेगी।
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के प्रयास से जिले के चिन्हांकित 1.55 बच्चों को साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, जोहिला एरिया, नौरोजाबाद के सहयोग से निजी स्पॉसरशिप योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। जिसमें 155 बच्चों को 1 वर्ष हेतु राशि रू. 3720000/- (रू. सैंतीस लाख बीस हजार मात्र ) दिया जा रहा है। उक्त बच्चों के पालन पोषण, देखरेख हेतु जिले के परियोजना अधिकारियों को पालक अधिकारी नियुक्त किया गया है । साथ ही बच्चों के समुचित विकास हेतु समय-समय पर जिला बाल संरक्षण ईकाई एवं बाल कल्याण समिति द्वारा फालो-अप किया जा रहा है। इस फॉलो अप रिपोर्ट के आधार पर ही निजी स्पॉसरशिप राशि आगे दिये जाने का प्रावधान है। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के निर्देशन में विभागीय अधिकारियों स्पांशरशिप के तहत चिन्हाकिंत 155 बच्चों का पालन पोषण किया जा रहा है।
पंजीकृत किसानां से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी करने हेतु अनुभाग स्तर पर आकस्मिक जांच के लिए दल गठित
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि रबी विपणन वर्ष 2022- 23 मे पंजीकृत किसानो से समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन का कार्य 4 अप्रैल से प्रारंभ हो गया है जो आगामी 16 मई तक किया जाएगा। ई उपार्जन परियोजना अंतर्गत अच्छी गुणवत्ता गेहूं का समर्थन मूल्य 2015 रूपये प्रति क्विटल की दर से किया जाएगा। जिसके लिए उमरिया जिले मे 34 गेहूं उपार्जन केंद्र सहकारी समितियो, एफपीओ, स्व सहायता समूहा द्वारा संचालित किए जा रहे है।
उन्होंने बताया कि ई उपार्जन परियोजना अंतर्गत जिले मे पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी हेतु जिले की अनुभाग स्तर पर आकस्मिक जांच करने हेतु राजस्व, खाद्य, सहकारिता एवं अन्य विभाग के अधिकारियों का जांच दल गठित किया गया है। अनुविभाग स्तर पर गठित जांच दल शासन के नीति निर्देश का पालन सुनिश्चित करायेंगे। अनुंविभाग में संचालित गेहूं उपार्जन केंद्रों का उपार्जन अवधि में आकस्मिक निरीक्षण करेंगे तथा उपार्जित स्कंध धान की गुणवत्ता की निगरानी करेंगे साथ ही खरीदी केंन्द्रों पर विक्रय हेतु आ रहे निर्धारित स्पेसिफिकेशन अनुसार खरीदा जा रहा है अथवा नही इस संबंध में निरीक्षण कर खरीदी संबंधी व्यवस्थाओं की समीक्षा करेंगे तथा खरीदी संबंधी क्रेता, विक्रेता के समस्त विवादों का निराकरण कर जांच रिपोर्ट कार्यालय में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगे।