उमरिया (संवाद)। बीते सोमवार को कंचन कोयला खदान की हैवी ब्लास्टिंग से एक मकान गिर जाने से दो नहीं बल्कि 3 लोगों की दुखद मौत हो गई। जिसके बाद ग्राम धनवाही सहित आसपास के आधा दर्जन गांव के ग्रामीण भय के साए में रह रहे हैं, ग्रामीणों को हमेशा उनकी जान का खतरा बना रहता है। अभी तक तो ग्रामीणों की घरों की दीवारें क्रेक और उनमें दरारें पड़ रही थी। लेकिन बीते सोमवार को हुए हादसे के बाद ग्रामीणों में अब उनकी जान के खतरे का भय व्याप्त है।

एक ओर कंचन कोल प्रबंधन, कोयला का अधिक से अधिक उत्पादन करने के लिए नियम विरुद्ध तरीके और ब्लास्टिंग के मापदंडों को दरकिनार कर क्षमता से अधिक की हैवी ब्लास्टिंग कर ज्यादा से ज्यादा कोयला उत्पादन करना चाहता है। वहीं दूसरी ओर कोयला खदान से लगे गांवों के घरों व इंसानों की जान की परवाह किए बिना प्रबंधन इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दे रहा है। जिसके कारण कोयला खदान से सटे ग्राम धनवाही में हैवी ब्लास्टिंग से एक मकान धराशाई हो गया जिसमें मां और बेटी सहित मां के पेट में पल रहे एक और बच्चे की मकान में दबकर मौत हो गई। जिसके बाद ग्रामीणों के हो-हल्ला करने पर जिले के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सिन्हा अपने पूरे दलबल के साथ मौके पर पहुंचे थे और ग्रामीणों को कार्यवाही करने का आश्वासन देकर मामले को शांत किया था, ग्रामीण भी कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की बातों पर पूरा भरोसा जताते हुए उनकी बात को मान लिया, नहीं तो ग्रामीण इतनी आसानी से मानने को तैयार नहीं थे। इसके अलावा ग्रामीण मृत मां बेटी के शव को कोयला खदान के गेट के सामने रखकर आंदोलन भी करने वाले थे हालांकि यह सब नहीं हुआ और कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक की बात को मानकर ग्रामीण शांत हो गए।
ग्रामीणों ने बताई अपनी परेशानी

उमरिया (संवाद)। बीते सोमवार को कंचन कोयला खदान की हैवी ब्लास्टिंग से एक मकान गिर जाने से दो नहीं बल्कि 3 लोगों की दुखद मौत हो गई। जिसके बाद ग्राम धनवाही सहित आसपास के आधा दर्जन गांव के ग्रामीण भय के साए में रह रहे हैं, ग्रामीणों को हमेशा उनकी जान का खतरा बना रहता है। अभी तक तो ग्रामीणों की घरों की दीवारें क्रेक और उनमें दरारें पड़ रही थी। लेकिन बीते सोमवार को हुए हादसे के बाद ग्रामीणों में अब उनकी जान के खतरे का भय व्याप्त है।एक ओर कंचन कोल प्रबंधन, कोयला का अधिक से अधिक उत्पादन करने के लिए नियम विरुद्ध तरीके और ब्लास्टिंग के मापदंडों को दरकिनार कर क्षमता से अधिक की हैवी ब्लास्टिंग कर ज्यादा से ज्यादा कोयला उत्पादन करना चाहता है। वहीं दूसरी ओर कोयला खदान से लगे गांवों के घरों व इंसानों की जान की परवाह किए बिना प्रबंधन इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दे रहा है। जिसके कारण कोयला खदान से सटे ग्राम धनवाही में हैवी ब्लास्टिंग से एक मकान धराशाई हो गया जिसमें मां और बेटी सहित मां के पेट में पल रहे एक और बच्चे की मकान में दबकर मौत हो गई। जिसके बाद ग्रामीणों के हो-हल्ला करने पर जिले के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार सिन्हा अपने पूरे दलबल के साथ मौके पर पहुंचे थे और ग्रामीणों को कार्यवाही करने का आश्वासन देकर मामले को शांत किया था, ग्रामीण भी कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की बातों पर पूरा भरोसा जताते हुए उनकी बात को मान लिया, नहीं तो ग्रामीण इतनी आसानी से मानने को तैयार नहीं थे। इसके अलावा ग्रामीण मृत मां बेटी के शव को कोयला खदान के गेट के सामने रखकर आंदोलन भी करने वाले थे हालांकि यह सब नहीं हुआ और कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक की बात को मानकर ग्रामीण शांत हो गए।वही स्थानीय निवासी रमेश विश्वकर्मा ने बताया कि सोमवार को हुई घटना कंचन खदान में हुई हैवी ब्लास्टिंग के कारण हुई है। खदान में सुरक्षा के मानकों को दरकिनार कर हमेशा ब्लास्टिंग किया जाता है। सोमवार को भी ज्यादा हैवी ब्लास्टिंग की गई जिसमें मकान की दीवार और छानी भर भराकर गिर गई। उन्होंने यह भी बताया कि गिरे मकान में दबकर हुई महिला और उसकी बेटी की मौत में 2 लोग शामिल नहीं बल्कि 3 कहा जाएगा, क्योंकि महिला गर्भवती थी उसके पेट में बच्चा था। रमेश ने बताया कि लगातार कई वर्षों से खदान प्रबंधन से निवेदन भी किया गया कि इतनी हैवी ब्लास्टिंग ना करें। लेकिन प्रबंधन किसी की नहीं सुना और ना ही ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कोई कदम उठाए हैं।गांव के बुजुर्ग धीरा बैगा ने अपनी क्षेत्रीय और आपस में बोलचाल की भाषा में अपना दुख बयां किया है, उन्होंने बताया कि जब खदान म दगानी होत है तब जमीन, घर- दुआर हल-हलउहन हलै लगत है, एखे लाने कई बेर खदान के साहब का बताएन, उमरिया भी गएन नरोजाबाद थाना भी गएन लेकिन सगले यहै कहिन एखर जांच कर लेंगे का होत है, यहै कहि के एक दुई रोज दगानी कम कर देत हैं, एखे बाद फेर वोइसे धमाका मारिस त जेमा रुखबा अउर घर हलै लागत हबै।कार्यवाही पर ग्रामीणों का भरोसा रहे कायमहादसे के बाद गुस्साए ग्रामीणों को कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की समझाइश और कार्यवाही का भरोसा दिए जाने के बाद ग्रामीण शांत हो गए थे। अब ग्रामीण, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से हैवी ब्लास्टिंग के कारण हुई मां बेटी की मौत के बाद उचित कानूनी कार्यवाही की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि जिस तरह ग्रामीण कलेक्टर महोदय की बात को माना और उन पर भरोसा जताया है वह भरोसा जांच के दौरान भी कायम रहे। किसी भी कीमत पर लापरवाह अधिकारी बचने नहीं चाहिए उन्होंने कलेक्टर महोदय से इस बाबत अपील भी की है। वहीं विभागीय तौर पर भी डीजीएमएस की टीम भी ब्लास्टिंग के सुरक्षा मानकों और ब्लास्टिंग के पैमाने की जांच करेगी। हालांकि विभागीय स्तर पर की जा रही जांच पर ग्रामीणों में संदेह बरकरार है, लेकिन कलेक्टर के द्वारा कराई जा रही जांच पर ग्रामीणों को पूरा भरोसा होने की बात कही है।
ग्राम धनवाही में दुखद हादसे के बाद गांव और आसपास के लोगों में अपने आशियाने और अपनी जान के प्रति चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। धनवाही के निवासी राजेश सिंह बताते हैं कि कंचन कोल माइंस प्रबंधन खदान से लगे गांवों के लोगों को कोई भी सुरक्षा प्रदान नहीं करते, ब्लास्टिंग के नियम व मापदंडों के विपरीत हैवी ब्लास्टिंग करते हैं। जिससे गांव के घर की दीवारें जीर्ण शीर्ण हो गई हैं, अभी एक घर गिरने से दो की मौत हो गई है। आगे क्या होगा सोच कर भी डर लगता है।
वही स्थानीय निवासी रमेश विश्वकर्मा ने बताया कि सोमवार को हुई घटना कंचन खदान में हुई हैवी ब्लास्टिंग के कारण हुई है। खदान में सुरक्षा के मानकों को दरकिनार कर हमेशा ब्लास्टिंग किया जाता है। सोमवार को भी ज्यादा हैवी ब्लास्टिंग की गई जिसमें मकान की दीवार और छानी भर भराकर गिर गई। उन्होंने यह भी बताया कि गिरे मकान में दबकर हुई महिला और उसकी बेटी की मौत में 2 लोग शामिल नहीं बल्कि 3 कहा जाएगा, क्योंकि महिला गर्भवती थी उसके पेट में बच्चा था। रमेश ने बताया कि लगातार कई वर्षों से खदान प्रबंधन से निवेदन भी किया गया कि इतनी हैवी ब्लास्टिंग ना करें। लेकिन प्रबंधन किसी की नहीं सुना और ना ही ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कोई कदम उठाए हैं।
गांव के बुजुर्ग धीरा बैगा ने अपनी क्षेत्रीय और आपस में बोलचाल की भाषा में अपना दुख बयां किया है, उन्होंने बताया कि जब खदान म दगानी होत है तब जमीन, घर- दुआर हल-हलउहन हलै लगत है, एखे लाने कई बेर खदान के साहब का बताएन, उमरिया भी गएन नरोजाबाद थाना भी गएन लेकिन सगले यहै कहिन एखर जांच कर लेंगे का होत है, यहै कहि के एक दुई रोज दगानी कम कर देत हैं, एखे बाद फेर वोइसे धमाका मारिस त जेमा रुखबा अउर घर हलै लागत हबै।
कार्यवाही पर ग्रामीणों का भरोसा रहे कायम
हादसे के बाद गुस्साए ग्रामीणों को कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव की समझाइश और कार्यवाही का भरोसा दिए जाने के बाद ग्रामीण शांत हो गए थे। अब ग्रामीण, कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से हैवी ब्लास्टिंग के कारण हुई मां बेटी की मौत के बाद उचित कानूनी कार्यवाही की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि जिस तरह ग्रामीण कलेक्टर महोदय की बात को माना और उन पर भरोसा जताया है वह भरोसा जांच के दौरान भी कायम रहे। किसी भी कीमत पर लापरवाह अधिकारी बचने नहीं चाहिए उन्होंने कलेक्टर महोदय से इस बाबत अपील भी की है। वहीं विभागीय तौर पर भी डीजीएमएस की टीम भी ब्लास्टिंग के सुरक्षा मानकों और ब्लास्टिंग के पैमाने की जांच करेगी। हालांकि विभागीय स्तर पर की जा रही जांच पर ग्रामीणों में संदेह बरकरार है, लेकिन कलेक्टर के द्वारा कराई जा रही जांच पर ग्रामीणों को पूरा भरोसा होने की बात कही है।
बहरहाल जांचों का दौर प्रारंभ हो गया है अब जांच की आंच किस स्तर तक प्रबंधन और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर पहुंचेगी यह जांच के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन यह बात तो बिल्कुल साफ है कि धनवाही के सुखलाल बैगा का घर कंचन कोल माइंस की हैवी ब्लास्टिंग के कारण ही गिरा है जिसमें दबकर मां बेटी के साथ मां के पेट में पल रहे एक और बच्चे की दुखद मौत हुई है।