ओरिएंट पेपर मिल में ब्लास्ट हुए टैंक की EXCLUSIVE तश्वीर,पहले से जर्जर और एक्सपायर था टैंक,प्लांट प्रबंधन ने नही कराया मेन्टेन्स,प्रबंधन के ऊपर दर्ज हो जानबूझकर हत्या का मामला?

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शहडोल (संवाद)। देश की नामी कंपनी बिड़ला ग्रुप का ओरिएंट पेपर मिल (OPM) अमलाई के प्लांट में में बुधवार को सुबह करीब 9 बजे हुआ हादसा अचानक होने वाला हादसा नहीं बल्कि प्रबंधन की जानबूझकर लापरवाही के चलते हुआ है। हादसे में ब्लास्ट हुए टैंक पहले से ही जर्जर और क्षतिग्रस्त रहा है। जिसकी डेट भी काफी समय पहले एक्सपायर होने की जानकारी मिली है। हादसे में एक ठेका श्रमिक की मौत होने और कुछ कर्मचारी घायल बताए जा रहे हैं। मामले में जिस तरीके से प्लांट प्रबंधन के द्वारा लापरवाही पूर्वक कार्य कराते हुए एक श्रमिक को मौत के मुंह में धकेल दिया। इनके ऊपर हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।कहने को तो ओरियंट पेपर मिल एशिया का दूसरा सबसे बड़ा कागज का कारखाना माना जाता है। लेकिन यहां पर प्लांट प्रबंधन की लापरवाही और श्रमिकों की जान से खिलवाड़ में भी बड़ा माना जाता है। तभी तो 9 अगस्त बुधवार को सुबह 9 बजे के करीब हुए हादसे के बाद प्लांट प्रबंधन की कलई खुल गई। प्रबंधन के द्वारा प्लांट के मेंटेनेंस के नाम पर जिस तरीके से भ्रष्टाचार और लापरवाही की जाती रही है यह जर्जर और क्षतिग्रस्त पल्प टैंक देखकर समझा जा सकता है। तस्वीरों में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि यह पल्प टैंक किस तरह से जर्जर और क्षतिग्रस्त रहा है।सूत्र बताते है कि जमाने पहले बने इस पल्प टैंक की बहुत पहले एक्सपायरी हो चुकी है,टैंक को अंदर से जंग लगकर खोखला कर चुका था। लेकिन प्रबंधन इस ओर कभी कोई ध्यान नहीं दिया। बल्कि लगातार इस टैंक का उपयोग किया जाता रहा है। बताया गया कि टैंक फटने से सैकड़ों टन कागज बनाने का गर लिक्विड मटेरियल तेजी से गिरने लगा। जिसके मलबे में दबकर दम घुटने से ठेका श्रमिक रविंद्र त्रिपाठी की मौके पर मौत हो गई वही गर्म पल्प मटेरियल गिरने से कुछ कर्मचारी झुलस गए हैं।हादसे में ठेका श्रमिक रविंद्र त्रिपाठी की मौत के बाद उसके परिजनों ने प्लांट में हंगामा मचा दिया। प्लांट के गेट पर शव को रखकर विरोध प्रदर्शन किया है। जिसके बाद प्रशासन की मौजूदगी में प्लांट प्रबंधन के द्वारा मृतक के परिजनों को मुआवजा राशि और एक व्यक्ति को नौकरी देने का लिखित में आश्वासन दिया गया है। पुलिस थाना अमलाई में प्लांट प्रबंधन के खिलाफ धारा 304 287 एवं कारखाना अधिनियम 92 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है।
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