एग्जिट पोल:कांग्रेस 10 तो भाजपा 12 वार्ड जीतने का अनुमान, 2 सीटें अन्य के खाते में

Editor in cheif
18 Min Read
उमरिया (संवाद)। पंचायती संवाद के द्वारा नगरपालिका उमरिया के अंतर्गत 24 वार्डों के चुनाव में मतदान के दिन और लगातार उसके बाद मतदाताओं के बीच बातचीत के आधार पर आंकलन करने के बाद यह एग्जिट पोल जारी किया गया है। हालांकि यह बेहद मुश्किल काम है क्योंकि कई वार्डों में पब्लिक कुछ भी बताने को तैयार नही थी फिर भी गुप्त तरीके से जानकारी के बाद एग्जिट पोल आपके समक्ष प्रस्तुत किया गया है। जिसमे कांग्रेस 9 से 10 वार्ड तो भाजपा 11 से 12 वार्ड जीत रही है। वहीं 2 सीटें अन्य के खाते में जाते दिखाई दे रही है। इसके अलावा कई वार्डों में हार जीत काफी कम अंतर से होने उम्मीद है।इसलिए एग्जिट पोल में पार्टियों को निर्धारित सीट में 1 या 2 सीटें कम और ज्यादा हो सकती है।

वार्ड नंबर 2 

नगर पालिका का वार्ड नंबर 2 शास्त्री नगर परिसीमन के बाद यह पहला चुनाव है इसके पहले वार्ड नंबर 1 और 2 वार्ड एक में ही आते रहे हैं तब यहां की परिस्थितियां अलग थी इस बार भाजपा प्रत्याशी के भाई कद्दावर कांग्रेसी पूर्व पार्षद ने अपने भाई के समर्थन में कांग्रेस से चुनाव लड़ने से मना कर दिया था और पूरा समर्थन अपने भाई राजू कोल को दिया है। वहीं कांग्रेस ने पीटीएस की निवासी श्रीमती रेखा सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है। इसके अलावा कोल समाज के ज्यादातर वोटर इस वार्ड में रहते हैं इस लिहाज से भाजपा के राजू कोल को ज्यादा मत मिलने के आसार हैं।

वार्ड नंबर 3 

वार्ड नंबर 3 लालपुर में इसके पहले भाजपा का पार्षद रहा है इस बार भी उम्मीद जताई जा रही थी कि भाजपा का ही पार्षद यहां से जीतेगा। भाजपा ने इस बार सुशील रैदास को अपना उम्मीदवार बनाया है लेकिन अन्य भाजपा के दावेदारों में रहे धर्मेंद्र प्रजापति को टिकट नहीं मिलने से नाराज उसने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़े थे। धर्मेंद्र ने भाजपा की चुनावी गणित को बिगाड़ दिया है और एक बड़े वोट बैंक का हिस्सा अपने खाते में जोड़ने का काम किया है। जिससे यहां मामला त्रिकोणीय होने की उम्मीद है फिलहाल अब यह वार्ड कांग्रेस पार्टी के पक्ष में नजर आ रहा है।

वार्ड नंबर 4

नगरपालिका के वार्ड नंबर 4 की बात करें तो यहां से पिछले चुनाव से यह वार्ड भाजपा के खाते में रहा है। इस बार भी भाजपा के राजेंद्र कोल के यहां से जीतने की उम्मीद है। राजेंद्र के मुकाबले कांग्रेस का उम्मीदवार रतन कोल उतने एक्टिव नहीं थे  इसके अलावा पूरे वार्ड में राजेंद्र की अच्छी पैठ बताई जा रही है।

वार्ड नंबर 5 

यह वार्ड भी वार्ड नंबर 4 के सामने वाला वार्ड है। इस वार्ड से भाजपा के राजेंद्र कोल की पत्नी रामकली भाजपा से चुनाव मैदान में है। इस वार्ड में भी राजेंद्र की पकड़ काफी मजबूत रही है। वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार रामायणवती के भी चुनाव में टक्कर देने की खबर है। चुनाव के दौरान बने समीकरण से रामायणवती और रामकली में कांटे की टक्कर की खबर है।

वार्ड नंबर 6 

यह वार्ड बड़ा ही दिलचस्प रहा है। टिकट मिलने के बाद जैसे ही उम्मीदवारों के नाम क्लियर हुए उसमें कांग्रेस से बखरी के त्रिभुवन प्रताप सिंह की पत्नी श्रीमती रश्मि सिंह का नाम आया तो वहीं भाजपा से श्रीमती गुड्डी बाई कचेर को उम्मीदवार बनाया गया। नाम सामने आते ही पूरे शहर में चर्चा रही कि रश्मि सिंह के मुकाबले गुड्डी बाई कहीं नही लगती। जिसके बाद लोगों ने मन में एक धारणा बना ली कि इस वार्ड का चुनाव कांग्रेस एकतरफा जीत रही है। इसके बाद चुनाव प्रचार शुरू हुआ और मतदान आते-आते समीकरण बनने और बिगड़ने लगे। इस बीच यहां से निर्दलीय उम्मीदवार सुरेश द्विवेदी और दिलीप महोबिया ने पार्टियों के वोट बैंक में सेंध लगाना शुरू कर दिया। मतदान उपरांत जो रुझान सामने आ रहे हैं उसमें एक तरफा चुनाव जीतने की बात पर विराम लग गया है। फिर भी यह सीट कांग्रेस के खाते में जाते समझ आ रही है। इसके अलावा कांग्रेस के लिए भितरघात की भी खबर है।

वार्ड नंबर 7 

नगर पालिका का वार्ड नंबर 7 जिसमें सिंधी समाज के मतदाता सबसे अधिक हैं। पहले यहां से सिंधी समाज के उम्मीदवार भाजपा से लड़ने को तैयार थे, लेकिन किन्हीं कारणों से वे चुनाव नहीं लड़ सके। यहां भाजपा ने श्रीमती संजू/मनोज विश्वकर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया तो कांग्रेस ने श्रीमती अनीता/ओमप्रकाश सोनी को प्रत्याशी बनाया है। दोनों ही प्रत्याशी इस वार्ड के ना होकर दूसरे वार्ड के निवासी हैं। राजनीतिक समीकरण के आधार पर इस वार्ड में कांटे की टक्कर बताई जा रही है फिर भी भाजपा के जीतने के रुझान मिले हैं।

वार्ड नंबर 8 

ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित यह वार्ड से भाजपा ने राकेश कुमार उर्फ लवकुश बर्मन को मैदान में उतारा है। तो कांग्रेस ने दीपक सोनी को अपना उम्मीदवार बनाया है। इस वार्ड में भी मुकाबला बराबर का दिख रहा है। खासकर नैगमा टोला में जिस उम्मीदवार को वोट ज्यादा मिलेगे जीत उसी की होगी।

वार्ड नंबर 9 

शहर का बेहद चर्चा वाला वार्ड नंबर 9 कांग्रेस का परंपरागत वार्ड रहा है। इस बार के चुनाव में भाजपा से निवर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती कंचन खट्टर मैदान में रही है, तो वहीं कांग्रेस से त्रिभुवन प्रताप सिंह चुनाव मैदान में थे। इस वार्ड में जब से चुनाव शुरू हुआ तभी से समीकरण बनते और बिगड़ते देखे जा रहे थे। दोनों प्रत्याशी राजनीतिक गुड़ा भाग में उलझे हुए थे। एक ओर जहां कंचन खट्टर के द्वारा अपने समाज के 200 से अधिक वोट लेकर अपने वार्ड के अन्य समर्थकों के साथ चुनाव जीतने की बात की जा रही है। वही त्रिभुवन प्रताप सिंह अपने पूरे परिवार के साथ वार्ड के लोगों पर भरोसा जता रहे हैं। इस सीट से हार जीत का आकलन कर पाना बेहद मुश्किल है। लेकिन वोटों के समीकरण के आधार पर आखरी समय मे कंचन खट्टर की स्थिति कुछ हद तक बेहतर समझ में आती है।

वार्ड नंबर 10 

वार्ड नंबर 10 खलेसर का एरिया कहलाता है। परिसीमन के बाद अब यह 2 वार्डों में बट गया है। जिसके कारण यहां हार जीत में भी फर्क पड़ा है। इस वार्ड से भाजपा ने भाजपा नेता धनुषधारी सिंह की बहू श्रीमती रागनी सिंह को टिकट दिया है तो वहीं कांग्रेस ने श्रीमती रजनी गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया है। चुनाव के प्रारंभ में कहा जा रहा था कि इस वार्ड में गुप्ता समाज के वोटर ज्यादा है और वह इस बार एक साथ नजर आ रहे थे। जिससे यह अनुमान था कि रजनी गुप्ता की स्थिति अनुकूल है। लेकिन चुनाव के अंतिम समय में भी यह जानकारी आई कि भाजपा के धनुषधारी सिंह ने गुप्ता वोटरों पर सेंध लगा दिया है। जिससे अब बदलते समीकरण से मामला कुछ और ही समझ आता है।

वार्ड नंबर 11 

वार्ड नंबर 11 में मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना है । इस वार्ड में भाजपा से श्रीमती गीता सिंह, कांग्रेस से शाहिदा परवीन और भाजपा से बागी सुजीत सिंह भदोरिया की पत्नी श्रीमती पूर्णिमा सिंह निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रही हैं। इस वार्ड के बारे में अनुमान लगाया जा रहा है कि इस वार्ड में सुजीत सिंह भदोरिया की पत्नी के चुनाव लड़ने से भाजपा पार्टी को नुकसान पहुंचा है। फिर भी इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच ही अंतिम फैसला होगा।

वार्ड नंबर 14 

पूरे शहर में इस वार्ड की चर्चा में लोगों द्वारा यह कहा जा रहा था कि शहर का 14 नंबर वार्ड वायनाड है। कहने का मतलब यह है कि इस वार्ड में 400 से अधिक मुस्लिम मतदाता है। और इसी को देखकर कांग्रेस ने नासिर अंसारी को मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने दलित नेता विष्णु भारती को टिकट दिया है। इस वार्ड में दलित हरिजनों समाज के वोट डेढ़ सौ के आसपास हैं। हालांकि चुनाव के दौरान विष्णु भारती के पक्ष में समीकरण बनते बिगड़ते रहे हैं। फिर भी कांग्रेस का पड़ला मजबूत दिखाई दे रहा है।

वार्ड नंबर 15

शहर का यह वार्ड नगर के मध्य कैम्प के अंतर्गत आता है। पिछले कई चुनावो से यहां का समीकरण बदलते रहा है। इस बार के चुनाव में निर्दलीयों ने चुनावी गणित बिगाड़ा है। यहां पर चुनाव त्रिकोणीय होने के आसार है। हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा कांग्रेस के बीच ही होने के आसार है।लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार किसको कितना नुकसान पहुंचाए है नतीजों में पता चल सकेगा।
फिलहाल पिछले कुछ चुनावो को देंखे तो यहां की डोर भाजपा के हाथों रही है।

वार्ड नंबर 16

इस वार्ड का चुनाव भी बड़ा अहम माना जा रहा है और यह भी जानकारी है की यहां से भाजपा जीतती है तो पार्टी की तरफ से अध्यक्ष के दावेदार बनाये जायेगे।फिलहाल यहां पर भाजपा उम्मीदवार श्रीमती कुमकुम/दीपक छतवानी का मुकाबला कांग्रेस की श्रीमती फरीदा/इदरीश खान से होगा। इस वार्ड में 200 के आसपास मुस्लिम वोटर है।इस कारण कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय से उम्मीदवार बनाया है।वही भाजपा से बागी सुधा द्विवेदी की बहू रश्मि द्विवेदी भी चुनाव लड़ रही है।इसके अलावा अन्य 3 निर्दलीय भी मैदान में है। यह वार्ड भाजपा के लिए मुश्किल भरा है। भाजपा की जीत पूरी तरह सुधा द्विवेदी कि बहु के मतों पर निर्भर करता है। यहां कुल 595 मत पड़े है। जिसके बाद कांग्रेस के वोट बैंक को छोड़ दे तो शेष में भाजपा सहित कई अन्य उम्मीदवार है। मुख्यरूप से रश्मि द्विवेदी अगर 100 मत के करीब पाती है तो भाजपा मुश्किल में आ सकती है।

वार्ड क्रमांक 17

नगर पालिका का वार्ड क्रमांक 17 का चुनाव भाजपा और निर्दलीय के बीच है। निर्दलीय प्रत्यासी साक्षी यादव भाजपा की सविता सोंधिया को टक्कर दे रही है।हार जीत दोनों के बीच ही रहेगी। यहां पर कांग्रेस नंबर 3 पर जाती दिख रही है।

वार्ड नंबर 18 

वार्ड क्रमांक 18 भी बेहद चर्चा वाला वार्ड रहा है।यहां से भाजपा की ओर से पत्रकार संजय तिवारी की पत्नी श्रीमती विनीता तिवारी, कांग्रेस की श्रीमती मनीषा अग्रवाल और बसपा की निधि यादव के बीच त्रिकोणीय मुकाबला के आसार है।
यह वार्ड ज्वालामुखी से शुरु होता है और रेलवे लाइन के किनारे से होता हुआ आधा विकटगंज  का हिस्सा है।इस पूरे चुनाव में खासकर विनीता तिवारी की बात करे तो वे सबसे ज्यादा सक्रिय रही है।दूसरा कोई भी प्रत्यासी उनके मुकाबले काफी पीछे रहा है। इसके अलावा वे ज्वालामुखी से लेकर डे कालोनी,आदर्श कालोनी, झाड़ू मोहल्ले और फुरफुरी नगर में उनकी पकड़ अच्छी रही है।इन क्षेत्रों से उन्हें अच्छे मतों के मिलने के आसार है।
विकटगंज इलाके से 5 प्रत्यासी चुनाव लड़ रहे थे जिससे यहां का वोट उन्ही के बीच बँटने की उम्मीद है।
इसी वार्ड से भाजपा के वरिष्ठ दिनेश त्रिपाठी की बहू श्रीमती रेशमा त्रिपाठी निर्दलीय तो राकेश प्रताप सिंह की पत्नी श्रीमती नीलम सिंह आम आदमी पार्टी से चुनाव मैदान में रही है।

वार्ड क्रमांक 19

मुख्यरूप से पूरा विकटगंज का इलाका वार्ड नंबर 19 में आता है। बीते समय मे यहां का राजनीतिक परिदृश्य त्रिकोणीय रहा है।इस बार भी मुकाबला त्रिकोणीय समझ मे आता है। इस वार्ड से भाजपा ने श्रीमती पूर्णिमा दुबे को तो कांग्रेस ने श्रीमती पूजा सिंह वही बसपा ने श्रीमती उमा रजक को उम्मीदवार बनाया है। और इन्ही तीनो के बीच मुख्य मुकाबला होने की उम्मीद है। खासकर पूर्णिमा दुबे विकटगंज के प्रतिष्ठित दुबे परिवार की सदस्य है।और विकटगंज से उन्हें ज्यादा समर्थन मिलने की बात सामने आ रही है।

वार्ड नंबर 20

सिंगल टोला के नाम से फेमस यह वार्ड कांग्रेस का गढ़ माना जाता है।यहां से लगातार कांग्रेस का ही पार्षद जीतते आया है। लेकिन इस बार मुकाबला बराबरी का है। हालांकि इस बार रेल्वे कालोनी एरिया का रुख भाजपा की तरफ रहा है।लेकिन सिंगल टोला से रुझान कांग्रेस के पक्ष में समझ आता है। इसलिए मुकाबला टक्कर का हो गया है। फिर भी पुराने चावल को हल्के में नही लिया जा सकता है।

वार्ड नंबर 21

वार्ड 21 धावड़ा कालोनी और सुभाषगंज का कुछ एरिया इसमे आता है।पूर्व से यहां भाजपा के ज्ञानेंद्र सिंह चुनाव जीतते आये है।इस बार के चुनाव में उनकी पत्नी श्रीमती अर्चना सिंह भाजपा कैंडिडेट है, तो कांग्रेस से लाल भवानी सिंह पहली बार राजनीति में आये है। यहां पर ज्ञानेंद्र सिंह एक अनुभवी राजनीतिज्ञ के रूप में है तो वही लाल भवानी सिंह नए खिलाड़ी है। देखना होगा इस संग्राम में कौन खिलाड़ी कितना परिपक्व साबित होता है।

वार्ड क्रमांक 22

नगरपालिका का सुभाषगंज और 9 नंबर कालोनी इसी वार्ड में आता है।यहां से भाजपा ने नए कैंडिडेट के रूप में राहुल गौतम को मैदान में उतारा तो कांग्रेस ने अपने पुराने संजय पाण्डेय को उम्मीदवार बनाया है।यहां का चुनावी गणित इस बार निर्दलीयों के हाथों में है। इस वार्ड से 2 निर्दलीय शनि जैन और श्रीमती नीलम सिंह ने इतना मच मचाया है कि दोनों पार्टियां अपने कैडर वोट को भी अपना नही मान रहे है। और यह सही भी समझ मे आता है पार्टियों के परंपरागत वोट भी इधर से उधर हुए है।
फिलहाल मुकाबला चतुर्कोनीय है। यहां के हार जीत का फैसला सागरपेशा के मतों के आधार पर होने की संभावना है।
वार्ड नंबर 23 
नगरपालिका का वार्ड नंबर 23 में भी दोनों प्रमुख पार्टी को छोड़ दे तो आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने दोनों जगह सेंध लगाई है। यहाँ भाजपा से युवा चेहरे विक्रम सिंह विक्की को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस सीधे साधे अवधेश राय को अपना उम्मीदवार बनाया है।हालांकि यहां भी मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच तय माना जा रहा है।

वार्ड क्रमांक 24 

वार्ड 24 का भी मुकाबला भी अहम है क्योंकि यह वार्ड मुख्यतः कांग्रेस के सतवंत सिंह के नाम रहा करता है।इस बार ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित होने के कारण वे चुनाव मैदान से बाहर हो गए है।लेकिन उन्होंने अपना उम्मीदवार श्रीमती फाहिमा नाज को कांग्रेस की ओर से चुनाव मैदान में उतारा है। वही भाजपा ने शंकर बर्मन की पत्नी श्रीमती हीराबाई को अपना उम्मीदवार बनाया है।
इस सीट में भी कांटे की टक्कर बताई जा रही है। दोनों दलों के समर्थक के द्वारा अपने अपने प्रत्यासी की जीतने बात कही जा रही है।लेकिन मतदाताओं का रुझान भाजपा के पक्ष की ओर इशारा करता है।
नगरपालिका उमरिया के 24 वार्डो का एग्जिट पोल मतदाताओं से बातचीत के बाद संभावनाओं के आधार पर जारी किया गया है। जिसमें कुछ सीटों में ऊपर नीचे होने के भी अनुमान है वही भाजपा-कांग्रेस की सीटों में भी 1 या 2 ऊपर नीचे हो सकती है। बहरहाल 17 जुलाई को मतगणना उपरांत तश्वीर साफ हो सकेगी कि मतदाता ने किसे अपना मत दिया है।
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *