शाजापुर (संवाद)। जिले में एक बार फिर बाबाओं ने इंसान का विश्वास को तोड़ा है। इसके पहले अक्सर बाबा या तांत्रिकों के द्वारा लोंगो को झाड़फूंक करने के बहाने कही प्रेत बाधा या टोने टोटके का डर दिखाकर महिलाओं से बालात्कार करने के मामले सामने आते रहे है।लेकिन इस बार एक बाबा ने एक नाबालिक को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया और कई जगह ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया है। इधर नाबालिक के परिजनों के द्वारा काफी तलाश करने पर जब कही पता नही चला तब उन्होंने 1 मार्च 2018 को पुलिस थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। 6 माह तक नाबालिक को बाबा अपने साथ रखे रहा और उसके साथ दुष्कर्म करता रहा । 6 माह बाद बाबा ने नाबालिक को उसके घर भेज दिया तब जाकर नाबालिक ने अपने परिजनों से आप बीती बताई है। जिसके बाद परिजनों ने इस संबंध में पुलिस को जानकारी दी थी।
मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश, शाजापुर म.प्र. द्वारा आरोपी रामलखन उर्फ अमरगिरी बाबा पिता भवानी शंकर जोशी, आयु 68 वर्ष, निवासी महावीर नगर जिला भिण्ड को भादवि की धारा 376(3) में दोषी पाते हुये 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2,000/- रू के अर्थदण्ड, पाक्सो एक्ट की धारा 5/6 में 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं रु. 1000 के अर्थदण्ड एवं भादवि की धारा 363, 366 में 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000-1000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
विशेष लोक अभियोजक श्री प्रतीक श्रीवास्तव, एडीपीओ शाजापुर ने बताया कि फरियादी ने दिनांक 01मार्च 2018 को थाना लालघाटी पर सूचना दी कि उसकी बालिका घर से बिना बताये कही चली गई तलाश करने पर भी नहीं मिली उसे अमरगिरी बाबा पर शंका है। पुलिस द्वारा पीडिता को अमरगिरी उर्फ रामलखन बाबा के घर से दस्तयाव किया गया। पीडिता ने बताया कि आरोपी अमरगिरी बाबा उसे बहलाफुसलाकर बस से उज्जैन, और रतलाम, बडौदा, अहमदाबाद , फिर भिण्ड ले गया वहां से हरिद्वार और हरिद्वार से असम ले गया और वापस पुन: उसे लेकर इटावा ले गया। इटावा से बाबा ने पीडिता को उसके परिवारवालों के पास भिण्ड भेज दिया। इस बीच आरोपी ने लगभग 6 माह तक पीडिता के साथ कई बार दुष्कर्म किया। पुलिस द्वारा विवेचना पूर्ण कर न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तु्त किया।
थाना लालघाटी के द्वारा सम्पूर्ण अनुसंधान पश्चात चालान सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। अभियोजन की ओर से पैरवी श्री देवेन्द्र कुमार मीना, डी.पी.ओ. शाजापुर एवं श्री प्रतीक श्रीवास्तव विशेष लोक अभियोजक शाजापुर द्वारा की गई। माननीय न्यायालय ने अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुये आरोपी को दण्डित किया ।