एक दशक बीतने के बाद भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम है विस्थापित परिवार, बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व क्षेत्र से मगधी गांव को किया गया था विस्थापित

Editor in cheif
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” समस्या का जल्द समाधान नही तो उसी जगह जाकर बसेंगे ग्रामीण,सैकड़ो की तादात में डटे है ग्रामीण “

उमरिया (संवाद)। जिले के बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व क्षेत्र के मगधी गांव से विस्थापित तकरीबन 70 से 80 परिवार मंगलवार की सुबह से ही घर से निकलकर पार्क क्षेत्र मगधी जाने का प्रयास कर रहे है,बताया जाता है कि दो दर्जन से अधिक प्रभावित महिलाएं एवम पुरुष मडउ-मछखेता बेरियर से मगधी की ओर निकल भी गए है,इनके अलावा आधे सैकड़े से अधिक प्रभावित लोगों को पार्क वन अमले ने बेरियर के पास समझा बुझाकर रोक लिया है।

दरअसल वर्ष 2010-11 में मगधी गांव के लोगो को विस्थापित किया गया था,और दूसरे गांव में पुनर्वास दिया गया था,इन लोगो का कहना है कि दस साल बाद भी शासकीय योजनाओं का कोई लाभ नही मिल रहा,बल्कि बुनियादी सुविधाओं से भी विस्थापन के बाद से भी महरूम है।

विदित हो कि ये सभी विस्थापन के बाद ग्राम समरकोईनी (सलैधा),मरईकला,मरई खुर्द,बड़खेड़ा,मछखेता,रोहनिया,सेहरा,कछरा,चौरी सहित क़ई गांव में पुनर्वास के रूप में है।मंगलवार की दोपहर मछखेता बेरियर से क़ई विस्थापित लोग पार्क क्षेत्र होते हुवे मगधी जाने निकले है,जिसको लेकर मौके पर एसडीएम सिद्धार्थ पटेल,मानपुर वन परिक्षेत्र अधिकारी मौके पर पहुंचे है,और ज़रूरी समझाइश दे रहे है,इस दौरान पार्क क्षेत्र से विस्थापित परिवार जो पार्क क्षेत्र से मगधी की ओर निकले है,उन्हें भी पार्क के प्रतिबंधित क्षेत्र से बाहर निकालने की कवायद की जा रही है।

 

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