आरोप : कन्या विवाह योजना का लाभ दिलाने रोजगार सहायक ने मांगी रिश्वत

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सरकार आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों की बेटियों के विवाह में मदद के उद्देश्य से सहायता राशि उपलब्ध कराती है, लेकिन शासकीय कारिन्दे उसी योजना का लाभ दिलाने के नाम पर जरूरतमंदों से बतौर खुुलेेआम घूंस की मांग करते हैं।

उमरिया(संवाद)। ऐसा ही एक मामला जनपद पंचायत करकेली अंर्तगत आने वाले ग्राम पंचायत सलैया पांच का है, जहां पंचायत में पदस्थ रोजगार सहायक द्वारा कन्या विवाह योजना का लाभ दिलाने के एब्ज में रिश्वत मांगने का आरोप लगा है, जिसकी शिकायत पीड़ित मौखिक बयां कर रहे हैं। दरअसल मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत कन्या पक्ष को इक्यावन हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा वर्ष 2018 से शुरू की गई यह योजना वर्तमान शिवराज सरकार में लागू है।
ग्राम पंचायत सलैया पांच की फुलझरिया यादव बताती हैं, कि उनके द्वारा योजना का लाभ लेने एक वर्ष पूर्व कन्या के विवाह के पहले ही सारे दस्तावेज रोजगार सहायक व सचिव को सौंपे गए थे, इसके अलावा उन्होंने योजना का लाभ दिलाने हेतु ग्यारह सौ रुपये की मांग भी की थी, जो कि दिया भी गया। बावजूद इसके योजना का लाभ नहीं मिल पाया। फरियादी का कहना है कि अपनी फरियाद लेकर सचिव और रोजगार सहायक से बात करने पर यही जवाब दे दिया जाता है, कि उनके द्वारा कागज जमा कर दिए हैं, बैंक में जाकर खाता चेक कराओ। लेकिन बैंक में खाता चेक कराने पर योजना के तहत मिलने वाली राशि का कोई पता नहीं।
सूत्रों के मुताबिक मिली जनाकारी अनुसार ग्राम पंचायत सलैया पांच अंतर्गत कई मामले हैं, जिसमें मुख्यमंत्री विवाह योजना के तहत मिलने वाली राशि कई लाभार्थियों को नहीं मिली। ख़बर है कि पंचायत कर्मियों ने कई लाभार्थियों के काग़जात गुम भी कर दिए हैं, जिससे समस्या बनी है। अपनी व्यथा सुनाने वाले हितग्राहियों में शिवकुमार यादव, सुभाष यादव, नर्मदा यादव और सुरेश यादव शामिल हैं, जिनके द्वारा बताए गए शिकायतों के आधार पर जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के के रैकवार ने बताया कि आवेदन पंचायत से जनपद पंचायत आता हैं, जहां से भेजने के बाद राशि श्रम विभाग द्वारा बैंक खाता में भेजी जाती है, और उक्त मामले में शिकायत आयेगी तो जांच करवाई जायेगी।
बहरहाल आरोप प्रत्यारोप के इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निष्पक्ष जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी, की आखिरकार योजना के क्रियान्वयन में पंचायत ने कितनी ईमानदारी बरती है।

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