इंदौर (संवाद) मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के द्वारा तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय का सम्मेलन इंदौर में आयोजित किया गया था जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनिया भर की प्रवासी भारतीय सम्मिलित हुए थे इसके अलावा शिवराज सरकार की मनसा के अनुसार मध्यप्रदेश में उद्योग धंधे विकसित करने के चलते यह सम्मेलन कराया गया था लेकिन यह क्या यह प्रवासी भारतीयों का सम्मेलन फेल साबित होता दिखाई दे रहा है अब यह सम्मेलन उद्योग धंधे लगाना तो दूर अब उनके बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है।
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इंदौर (संवाद) मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के द्वारा तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय का सम्मेलन इंदौर में आयोजित किया गया था जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित दुनिया भर की प्रवासी भारतीय सम्मिलित हुए थे इसके अलावा शिवराज सरकार की मनसा के अनुसार मध्यप्रदेश में उद्योग धंधे विकसित करने के चलते यह सम्मेलन कराया गया था लेकिन यह क्या यह प्रवासी भारतीयों का सम्मेलन फेल साबित होता दिखाई दे रहा है अब यह सम्मेलन उद्योग धंधे लगाना तो दूर अब उनके बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है।प्रवासी भारतीयों के सम्मेलन में 9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए थे इस दौरान इंदौर की जिस हाल में कांफ्रेंस आयोजित की गई थी वहां पर बैठक व्यवस्था को लेकर प्रवासी भारतीयों ने सवाल खड़े किए हैं उनका आरोप है कि जब सरकार 3 हजार प्रवासी भारतीयों की बैठाने की व्यवस्था नहीं कर सकती तब वह उद्योग धंधे लगाने के लिए जरूरत पड़ने वाले व्यवस्थाओं की व्यवस्था कैसे कर सकेगी। दरअसल प्रधानमंत्री के इंदौर पहुंचने के दौरान आयोजित सम्मेलन में प्रवासी भारतीयों की बैठने की माकूल व्यवस्था नहीं थी। कई प्रवासी भारतीयों को अंदर तक नहीं जाने दिया गया, इसके अलावा हाल में जितने लोग बैठे थे उसमें से कई प्रवासी भारतीयों को कुर्सी नहीं मिलने से नीचे बैठे दिखाई दिए। प्रवासी भारतीयों ने सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला और कई आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं।वहीं ठीक इसके दूसरे दिन यानी 10 जनवरी को सुबह फिर से ग्लोबल मीट होनी थी जिसमें ज्यादातर प्रवासी भारतीय सम्मिलित हीं हुए। हाल में लगी कुर्सियां ज्यादातर खाली दिखाई दी, हाल में जहां 3 हजार कुर्सियां लगाई गई थी, वहां पर मात्र 200 से 300 ही प्रवासी भारतीय नजर आए। बाकी शायद इस आयोजन का बाय काट कर दिया है। इस अव्यवस्था के बीच जमैका के प्रतिनिधि प्रशांत सिंह ने सरकार पर गुस्सा व्यक्त करते हुए यह तक कह दिया कि जो सरकार 3000 लोगों के बैठने की व्यवस्था नहीं कर सकती वह ग्लोबल पावर कैसे बनेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए। हालत यह रही है कि जमैका के मंत्री बाहर बैठे हुए हैं।वहीं अमेरिका से आए दल में शामिल महिलाओं को भी अंदर जाने की एंट्री नहीं मिली और उन्हें अधिकारियों ने कह दिया कि वह जो लिंक दी गई है, उससे टीवी पर देख सकती हैं। इस पर अमेरिका की महिलाओं ने भारी नाराजगी जाहिर की है और भड़कते हुए उन्होंने कहा कि इतनी दूर से हम टीवी पर कार्यक्रम देखने के लिए नहीं आए हैं।
प्रवासी भारतीयों के सम्मेलन में 9 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए थे इस दौरान इंदौर की जिस हाल में कांफ्रेंस आयोजित की गई थी वहां पर बैठक व्यवस्था को लेकर प्रवासी भारतीयों ने सवाल खड़े किए हैं उनका आरोप है कि जब सरकार 3 हजार प्रवासी भारतीयों की बैठाने की व्यवस्था नहीं कर सकती तब वह उद्योग धंधे लगाने के लिए जरूरत पड़ने वाले व्यवस्थाओं की व्यवस्था कैसे कर सकेगी। दरअसल प्रधानमंत्री के इंदौर पहुंचने के दौरान आयोजित सम्मेलन में प्रवासी भारतीयों की बैठने की माकूल व्यवस्था नहीं थी। कई प्रवासी भारतीयों को अंदर तक नहीं जाने दिया गया, इसके अलावा हाल में जितने लोग बैठे थे उसमें से कई प्रवासी भारतीयों को कुर्सी नहीं मिलने से नीचे बैठे दिखाई दिए। प्रवासी भारतीयों ने सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला और कई आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं।
वहीं ठीक इसके दूसरे दिन यानी 10 जनवरी को सुबह फिर से ग्लोबल मीट होनी थी जिसमें ज्यादातर प्रवासी भारतीय सम्मिलित हीं हुए। हाल में लगी कुर्सियां ज्यादातर खाली दिखाई दी, हाल में जहां 3 हजार कुर्सियां लगाई गई थी, वहां पर मात्र 200 से 300 ही प्रवासी भारतीय नजर आए। बाकी शायद इस आयोजन का बाय काट कर दिया है। इस अव्यवस्था के बीच जमैका के प्रतिनिधि प्रशांत सिंह ने सरकार पर गुस्सा व्यक्त करते हुए यह तक कह दिया कि जो सरकार 3000 लोगों के बैठने की व्यवस्था नहीं कर सकती वह ग्लोबल पावर कैसे बनेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए। हालत यह रही है कि जमैका के मंत्री बाहर बैठे हुए हैं।वहीं अमेरिका से आए दल में शामिल महिलाओं को भी अंदर जाने की एंट्री नहीं मिली और उन्हें अधिकारियों ने कह दिया कि वह जो लिंक दी गई है, उससे टीवी पर देख सकती हैं। इस पर अमेरिका की महिलाओं ने भारी नाराजगी जाहिर की है और भड़कते हुए उन्होंने कहा कि इतनी दूर से हम टीवी पर कार्यक्रम देखने के लिए नहीं आए हैं।
Source:द सूत्र