अब एक और IAS अधिकारी ईओडब्ल्यू की राडार में, साजिश के तहत आदिवासी की जमीन अपने बेटे के नाम कराने का मामला,पूर्व से ही दर्ज है FIR

Editor in cheif
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कटनी (संवाद)। कटनी जिले में कलेक्टर के पद पर पदस्थ रहते हुए कलेक्टर अंजू सिंह बघेल के द्वारा आदिवासी की जमीन खरीदने और बेचने की अनुमति मामले में दर्ज एफ आई आर के मामले में राज्य शासन और केंद्र शासन के द्वारा मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी गई है। जिले में पदस्थ रहते हुए कलेक्टर अंजू सिंह के खिलाफ आदिवासी की जमीन बेचने की अनुमति किसी दूसरे गैर आदिवासी को देने के बाद रजिस्ट्री उसके नाम नहीं बल्कि अंजू सिंह के बेटे के नाम रजिस्ट्री कराई गई। मामले में आदिवासी किसान की शिकायत पर एफ आई आर दर्ज कराई की गई थी,जिसे अब शासन की ओर से मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी गई है।

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कटनी (संवाद)। कटनी जिले में कलेक्टर के पद पर पदस्थ रहते हुए कलेक्टर अंजू सिंह बघेल के द्वारा आदिवासी की जमीन खरीदने और बेचने की अनुमति मामले में दर्ज एफ आई आर के मामले में राज्य शासन और केंद्र शासन के द्वारा मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी गई है। जिले में पदस्थ रहते हुए कलेक्टर अंजू सिंह के खिलाफ आदिवासी की जमीन बेचने की अनुमति किसी दूसरे गैर आदिवासी को देने के बाद रजिस्ट्री उसके नाम नहीं बल्कि अंजू सिंह के बेटे के नाम रजिस्ट्री कराई गई। मामले में आदिवासी किसान की शिकायत पर एफ आई आर दर्ज कराई की गई थी,जिसे अब शासन की ओर से मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी गई है।दरअसल कटनी जिले की कलेक्टर रहने के दौरान अंजू सिंह बघेल ने एक आदिवासी की 8 एकड़ जमीन बेचने की अनुमति गैर आदिवासी को देने और उसके बदले सस्ती जमीन देने का मामला सामने आया था इतना ही नहीं जिस व्यक्ति के नाम जमीन बेचने की अनुमति दी गई थी उसके नाम रजिस्ट्री नहीं की गई बल्कि वह रजिस्ट्री कलेक्टर अंजू सिंह बघेल के बेटे आभित्येंद्र सिंह के नाम कराई गई। जिसके बाद आदिवासी किसान ने अपनी जमीन की अनुमति बिना नियम के के दी गई और उसके बदले उसे पैसे भी नहीं दिए गए।आदिवासी किसान की शिकायत पर ईओडब्ल्यू ने कलेक्टर अंजू सिंह के बघेल खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। लेकिन शासन की अनुमति नहीं मिलने के कारण मुकदमा रुका रहा।इसके अलावा एक अन्य मामले में सड़क विकास के ठेकेदार को बेशकीमती जमीन देकर उससे सस्ती जमीन की अदला बदली कराई गई इस मामले में भी कलेक्टर अंजू सिंह बघेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले के बाद कलेक्टर अंजू सिंह बघेल ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था कि बगैर शासन की मंजूरी के मुकदमा नहीं चलाया जाए। लेकिन अब आईएएस अंजना सिंह बघेल रिटायर हो चुकी है जिसके बाद शासन के द्वारा मुकदमे को चलाए जाने अनुमति प्रदान कर दी गई है।

दरअसल कटनी जिले की कलेक्टर रहने के दौरान अंजू सिंह बघेल ने एक आदिवासी की 8 एकड़ जमीन बेचने की अनुमति गैर आदिवासी को देने और उसके बदले सस्ती जमीन देने का मामला सामने आया था इतना ही नहीं जिस व्यक्ति के नाम जमीन बेचने की अनुमति दी गई थी उसके नाम रजिस्ट्री नहीं की गई बल्कि वह रजिस्ट्री कलेक्टर अंजू सिंह बघेल के बेटे आभित्येंद्र सिंह के नाम कराई गई। जिसके बाद आदिवासी किसान ने अपनी जमीन की अनुमति बिना नियम के के दी गई और उसके बदले उसे पैसे भी नहीं दिए गए।आदिवासी किसान की शिकायत पर ईओडब्ल्यू ने कलेक्टर अंजू सिंह के बघेल खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। लेकिन शासन की अनुमति नहीं मिलने के कारण मुकदमा रुका रहा।

इसके अलावा एक अन्य मामले में सड़क विकास के ठेकेदार को बेशकीमती जमीन देकर उससे सस्ती जमीन की अदला बदली कराई गई इस मामले में भी कलेक्टर अंजू सिंह बघेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले के बाद कलेक्टर अंजू सिंह बघेल ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था कि बगैर शासन की मंजूरी के मुकदमा नहीं चलाया जाए। लेकिन अब आईएएस अंजना सिंह बघेल रिटायर हो चुकी है जिसके बाद शासन के द्वारा मुकदमे को चलाए जाने अनुमति प्रदान कर दी गई है।

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