अपने घर से स्कूल के लिए निकला मासूम छात्र वापस नही लौट सका,यहां जानिए आखिर क्या हुआ मासूम के साथ

Contents
उमरिया/मानपुर (संवाद)।अपने घर से पीठ में किताबों का बैग लिए स्कूल के लिए निकला मासूम छात्र वापस नहीं लौटा। यह कहानी उमरिया जिले के जनपद पंचायत मानपुर के नौगमा में स्थित सरस्वती शिशु मंदिर की है। जहां 7 वर्षीय मासूम छात्र अपने घर से पढ़ाई करने विद्यालय गया था जहां उसकी विद्यालय परिसर में बने पानी की टंकी में डूबकर दुखद मौत हो गई।घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक नौगामा स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में 7 वर्षीय मासूम शिवम पाल कक्षा 1 मे अध्ययनरत रहा है। वह रोजाना की तरह सुबह 10 बजे स्कूल पहुंच गया। जहां पर पढ़ाई के दौरान बाथरूम आने पर छुट्टी लेकर विद्यालय परिसर में बने शौचालय में गया था। लेकिन वह शौचालय से नहीं लौट सका, शौचालय में बनी खुली पानी की टंकी में डूबकर मासूम शिवम की मौत हो गई।बताया गया कि इस दौरान उसका 5 वर्षीय छोटा भाई शिवांश पाल भी मौजूद रहा है और उसने यह पूरी घटना अपने आंखों से देखी है। घटना को देखकर वह इतना भयभीत हो गया कि वह चुपचाप अपने क्लास में चला गया। डर के कारण उसने घटना की जानकारी ना तो शिक्षकों को दी और ना ही साथ में पढ़ने वाले अन्य छात्रों को कोई बात बताया। शाम 4 बजे विद्यालय की छुट्टी होने पर वह अपने घर पहुंचा तब जाकर घटना की जानकारी अपने पिता और अन्य परिजनों को दिया।जानकारी के बाद मृत मासूम छात्र शिवम के परिजन पहले शिक्षक के घर पहुंचे जहां वह घर में नहीं मिलने से वह लोग सीधे विद्यालय परिसर पहुंच गए। जहां मृत श्रीराम का छोटा भाई शिवांश परिजनों को पानी की टंकी के पास लेकर गया। इस दौरान परिजनों ने जैसे ही पानी टंकी के भीतर झांक कर देखा तो उनके होश उड़ गए। पानी टंकी के भीतर उनका 7 वर्षीय मासूम शिवम का का शव पानी में तैरता हुआ दिखाई दिया।घटना की जानकारी के बाद पुलिस और स्थानीय ग्रामवासी मौके पर पहुंच चुकी थे। जिसके बाद शिवम के शव को टंकी से बाहर निकाला गया पुलिस के द्वारा मर्ग कायम कर विवेचना की जा रही है। वही परिजन और मौके पर उपस्थित ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा उनका सीधा आरोप है कि यह घटना विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही से घटी है।निश्चित रूप से विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही स्पष्ट तौर पर नजर आती है। चूंकि मासूम छात्र शिवम पढ़ाई के दौरान शिक्षक से छुट्टी मांग कर बाथरूम करने गया था। लेकिन जब वह काफी देर तक वापस नहीं लौटा तब विद्यालय के शिक्षक के द्वारा उसका पता लगाया जाना चाहिए था, लेकिन उनके द्वारा लापरवाही बरती गई। जबकि छात्र का स्कूल बैग भी उसकी कक्षा में पड़ा हुआ था, इसे देखकर भी प्रबंधन या वहां मौजूद शिक्षक ने कोई ध्यान नहीं दिया। इसके अलावा विद्यालय परिसर में कम ऊंचाई की खुली पानी की टंकी का होना, स्कूल प्रबंधन की लापरवाही उजागर करता है। जबकि विद्यालय में छोटे-छोटे मासूम अध्ययनरत है।
Leave a comment