उमरिया/बाँधवगढ़ (संवाद)। मध्यप्रदेश शासन के वन मंत्री कुंवर विजय शाह बाँधवगढ़ में आयोजित अनुभूति कार्यक्रम के दौरान आखिर क्यों बिफर पड़े। जिसके बाद मंत्री ने बांधवगढ़ के डायरेक्टर सहित अन्य अधिकारियों के ऊपर नाराजगी जाहिर की है।
दरअसल बांधवगढ़ के अनुभूति कार्यक्रम में प्रदेश के वन मंत्री कुंवर विजय शाह के पहुंचते ही उन्हें अनुभूति कार्यक्रम के तहत छपी किताब दी गई जिसमें उन्होंने देखा कि उस किताब में ना तो प्रदेश के वन मंत्री और ना ही प्रदेश के मुख्यमंत्री और ना ही देश के प्रधानमंत्री की फोटो दिखाई दी। जिसके बाद उन्होंने किताब को देखते ही बाँधवगढ़ टाईगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर से यह सवाल पूछते हुए कहा कि इस अनुभूति से संबंधित किताब में वन मंत्री मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का कहीं जिक्र नहीं है। इसके अलावा ना ही उनका कोई संदेश या विचार इस किताब में छपा हुआ है। आखिर ऐसा क्यों हुआ और इसका जिम्मेदार कौन है। मंत्री जी की नाराजगी को देखते ही बांधवगढ़ के डायरेक्टर इधर-उधर देखने लगे और पल्ला एक दूसरे के पाले में झाड़ते हुए नजर आए। कुछ देर तक तो मंत्री जी की नाराजगी से सन्नाटा पसर गया था। बाद में मंत्री जी ने खुद इस मामले को संभाला और उन्होंने सीधे बच्चों से बात करना शुरू कर दी। जिसमें उन्होंने बच्चों को जंगली जानवरों, पर्यावरण और पेड़ पौधों की उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया है।
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उमरिया/बाँधवगढ़ (संवाद)। मध्यप्रदेश शासन के वन मंत्री कुंवर विजय शाह बाँधवगढ़ में आयोजित अनुभूति कार्यक्रम के दौरान आखिर क्यों बिफर पड़े। जिसके बाद मंत्री ने बांधवगढ़ के डायरेक्टर सहित अन्य अधिकारियों के ऊपर नाराजगी जाहिर की है।दरअसल बांधवगढ़ के अनुभूति कार्यक्रम में प्रदेश के वन मंत्री कुंवर विजय शाह के पहुंचते ही उन्हें अनुभूति कार्यक्रम के तहत छपी किताब दी गई जिसमें उन्होंने देखा कि उस किताब में ना तो प्रदेश के वन मंत्री और ना ही प्रदेश के मुख्यमंत्री और ना ही देश के प्रधानमंत्री की फोटो दिखाई दी। जिसके बाद उन्होंने किताब को देखते ही बाँधवगढ़ टाईगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर से यह सवाल पूछते हुए कहा कि इस अनुभूति से संबंधित किताब में वन मंत्री मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का कहीं जिक्र नहीं है। इसके अलावा ना ही उनका कोई संदेश या विचार इस किताब में छपा हुआ है। आखिर ऐसा क्यों हुआ और इसका जिम्मेदार कौन है। मंत्री जी की नाराजगी को देखते ही बांधवगढ़ के डायरेक्टर इधर-उधर देखने लगे और पल्ला एक दूसरे के पाले में झाड़ते हुए नजर आए। कुछ देर तक तो मंत्री जी की नाराजगी से सन्नाटा पसर गया था। बाद में मंत्री जी ने खुद इस मामले को संभाला और उन्होंने सीधे बच्चों से बात करना शुरू कर दी। जिसमें उन्होंने बच्चों को जंगली जानवरों, पर्यावरण और पेड़ पौधों की उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया है।निश्चित रूप से अनुभूति नाम से छपी किताब तो रंग बिरंगी खूबसूरत और जानकारी से लबालब है। लेकिन मंत्री जी की नाराजगी भी जायज समझ आती है। चूंकि वह विभाग के मंत्री हैं, इस नाते किताब में उनके संदेश या विचार सहित तस्वीर का समावेश किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके अलावा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी संदेश का समावेश किया जाना चाहिए था।