उमरिया (संवाद)। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि 3 मई को अक्षया तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। अक्षया तृतीया पर बाल विवाह होने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह करना कानूनी अपराध है। बाल विवाह करते एवं कराते पाए जाने पर दो वर्ष का कठोर कारावास एवं एक लाख रूपये के जुर्माने का प्रावधान है।
उन्होंने अपील करते हुए कहा कि 18 वर्ष से पहले लड़की एवं 21 वर्ष से पहले लड़के की शादी नही करनी चाहिए। अगर कहीं ऐसा हो रहा है तो यह बाल विवाह की श्रेणी मे आता है। बाल विवाह होने की सूचना रिश्तेदार, पड़ोसी या अन्य लोग दे सकते है। उनका नाम गोपनीय रखा जाएगा। इसके लिए महिला हेल्पलाईन नंबर 181, चाईल्ड हेल्पलाईन नंबर 1098 एवं पुलिस हेल्पलाईन नंबर 100 डायल पर अथवा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के दूरभाष अथवा वाट्सअप पर सूचना दी जा सकती है।
उन्होंने वैवाहिक आयोजन कराने वाले मैरिज हॉल, टेंट व्यवसायी, बैंड बाजा, केटर्स, पुरोहित, मौलवी इत्यादि से कहा है कि वैवाहिक आयोजन के पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि कहीं बाल विवाह तो नही हो रहा है। अन्यथा बाल विवाह में किसी भी तरह से सहयोग करने वाले व्यक्ति भी दण्ड के भागी होंगे।
कमिश्नर शहडोल संभाग श्री राजीव शर्मा ने शहडोल संभाग के नागरिको से अपील की है कि शहडोल संभाग अंतर्गत आने वाले जिलों की लगभग 45 प्रतिशत जनसंख्या आदिवासी समुदाय की है एवं 90 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत है । एनएफएचएस-5 के आंकड़ों के अनुसार 15 से 44 वर्ष की 50 प्रतिशत से अधिक महिलायें एनीमिक हैं साथ ही संभाग के तीनों जिलों में मातृ मृत्यु दर 350 से अधिक है । महिलाओं के एनीमिक होने एवं मातृ मृत्यु दर का अधिक होने का एक कारण कम आयु में विवाह होना है। अक्षय तृतीया (3 मई 2022 को) पर बाल विवाह होने के संभावना अधिक होती है।
इस स्थिति से निपटने हेतु प्रत्येक जिले में कंट्रोल रूम स्थापित करें जिसमें कोई भी नागरिक बाल विवाह होने की सूचना दे सकता है साथ ही ग्राम विकास खण्ड एवं जिला स्तर पर टीम का गठन किया जाना है। गठित की जाने वाली टीम में स्व-सहायता समूह, शौर्यादल, आंगनबाडी कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सहायिका, पर्यवेक्षक परियोजना अधिकारी एवं अन्य विभागों के ग्राम , विकास खण्ड , जिला स्तर के अधिकारी होंगे। यह समिति बाल विवाह रोकने हेतु प्रचार प्रसार एवं प्रयास करेगी।